अब एक और सियासी दल ने छोड़ा भाजपा का साथ

नई दिल्ली। समाचार ऑनलाइन

सत्तादल भाजपा के अगुवाईवाले एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) के साथी भी एक के बाद एक उसका साथ छोड़ रहे हैं। भाजपा के पुराने-नए साथी अब पराए हो रहे हैं। इसमें सबसे पहले शिवसेना, तेलुगू देशम पार्टी फिर जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और अब इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने एनडीए और भाजपा का साथ छोड़ दिया है। आईपीएफटी ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अकेले लड़ने का ऐलान किया है।

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एक तरफ भाजपा आनेवाले चुनाव के मद्देनजर सभी पुराने साथियों को मनाने और रिझाने की कोशिश में जुटी है, दूसरी ओर उसके एक एक साथी उसका साथ छोड़ कर जा रहे हैं। शिवसेना, तेलुगू देशम पार्टी फिर जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के बाद इस सूची में शुमार हुए आईपीएफटी का कहना है कि भाजपा के दो त्रिपुरा लोकसभा सीटों के लिए नेताओं के एकतरफा नाम तय करने के बाद उसे मजबूरन यह फैसला लेना पड़ा। वहीं भाजपा ने दावा किया कि इस वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में आईपीएफटी के साथ उसका गठबंधन एक बार के लिए था। आईपीएफटी और भाजपा ने इस वर्ष जनवरी में पहली बार एक साथ मिलकर चुनाव पूर्व गठबंधन किया था और 25 साल के वाममोर्चा शासन को उखाड़ फेंका था। इससे पहले एनडीए की सबसे पुरानी सहयोगी शिवसेना पहले ही अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी है। हांलाकि वह अभी एनडीए से अलग नहीं हुई है।