सरकार के निर्देश पर व्हाट्सऐप का जवाब, अफवाहों को रोकना मुश्किल

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन

सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने व्हाट्सऐप को निर्देश जारी किये थे, लेकिन व्हाट्सऐप ने अपने जवाब में कहा है कि ऐसा फ़िलहाल बेहद मुश्किल है। कंपनी ने कहा कि उसके प्लेटफॉर्म के जरिए ऐसे संदेशों को रोकना एक चुनौती है और इसके लिए उसके और भारत सरकार के बीच पार्टनरशिप की जरूरत है। 3 जुलाई को आईटी मंत्रालय को भेजे गए लेटर में व्हाट्सऐप ने लिखा है, हम लोगों को भड़काऊ संबंधी जानकारियों से वाकिफ करा रहे हैं, ताकि लोग सुरक्षित रह सकें। साथ ही हम फेक मैसेज को फैलने से रोकने के लिए ग्रुप चैट में भी तब्दीली कर रहे हैं।

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टेस्ट कर रहे लेबल
कंपनी ने कहा है कि वह भारत में लंबे समय तक पब्लिक सेफ्टी कैंपेन चलाना चाहती है और इसके लिए वह पिछले कुछ समय से नया लेबल टेस्ट कर रही है। यह लेबल दिखाता है कि यूजर ने कब मैसेज फॉरवर्ड किया और कब क्या लिखा। इसके जरिए जिस यूजर को मैसेज भेजा गया है उसे पता चल जाएगा कि जो कंटेंट वह पढ़ रहा है वह सामने वाले ने लिखा है या किसी अफवाह को फैलाने के लिए भेजा गया है।

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क्या है तैयारी?
व्हाट्सऐप ने कहा, वह लोगों को नियमित रूप से बता रहा है कि ऑनलाइन सेफ कैसे रहें। साथ ही हम जल्द ही इस संबंध में शिक्षा सामग्री मुहैया कराएंगे। इस साल पहली बार हमने फैक्ट चेकिंग संगठन के साथ काम करना शुरू कर दिया है ताकि अफवाहों और फेक खबर को फैलने से रोका जा सके। कंपनी ने उदाहरण का हवाला देते हुए बताया कि मैक्सिको के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान संबंधित जानकारी को लेकर यूजर्स ने हजारों फेक मैसेज भेजे थे। इसके जवाब में हमने यूजर्स को सही जानकारी मुहैया कराई थी और बताया था कि क्या फेक है और क्या सही। हम ब्राजील में इसी प्रोग्राम पर 24 न्यूज कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं, और उम्मीद है कि इन दोनों मामलों से जो हमें सीख मिली है उसे हम भारत में इस्तेमाल करते हुए फेक न्यूज रोक पाएंगे।