लीजिये अब आपके कंप्यूटर पर भी नज़र गड़ाए बैठी है सरकार!

नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन – गृह मंत्रालय के एक आदेश ने विवाद खड़ा कर दिया है। दरअसल, सरकार ने अपने 20 दिसंबर के आदेश में 10 सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी कंप्यूटर का डेटा खंगालने का अधिकार दे दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि ये सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियां इंटरसेप्शन, निगरानी एवं डिक्रिप्शन के मकसद से किसी भी कंप्यूटर के डेटा की जांच कर सकती हैं।

गृह मंत्रालय ने यह आदेश सूचना प्रौद्योगिकी अधिनयम, 2000 के सेक्शन 69 (1) के तहत जारी किया है। सरकार के इस आदेश का विरोध होना शुरू हो गया है। विपक्ष ने इसे निजता के अधिकार पर हमला करार दिया है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा है कि यह निजता के अधिकार पर हमला है। उन्होंने कहा कि  यह काफी गंभीर मामला है। इस आदेश के जरिए भाजपा की सरकार सभी लोगों की निगरानी करना चाहती है। यह मौलिक एवं निजता के अधिकार पर हमला है। हम इसका विरोध करते हैं। यह आदेश सुरक्षा एजेंसियों को असीमित अधिकार दे देगा। उन्होंने कहा कि सरकार का यह आदेश निजता के अधिकार पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को चोट पहुंचाने वाला है। बता दें कि सरकार के इस आदेश में यह भी कहा गया है कि जांच के समय सुरक्षा एजेंसियों का पूरा सहयोग न करने पर सात साल की सजा और जुर्माना भी हो सकता है।

सुरक्षा एजेंसियों की लिस्ट –
इंटेलिजेंस ब्यूरो
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो
प्रवर्तन निदेशालय
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज
डायरक्टेरेट ऑफ रेवन्यू इंटेलिजेंस
सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन
नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी
कैबनेट सेक्रेटेरिएट (रॉ)
डायरेक्टरेट ऑफ सिग्नल इंजेटलिजेंस
कमिश्नर ऑफ पुलिस, दिल्ली