परमाणु बम से भी अधिक विस्फोटक है जातीय विषमता

पुणे समाचार

‘हमारे देश में जातीय विषमता अभी भी मौजूद है, ये परमाणु बम से भी ज्यादा विस्फोटक है। लिहाजा इसे दूर करना सबसे बड़ी चुनौती है।’ यह बातें वरिष्ठ कामगार नेता डॉ. बाबा आढ़ाव ने शुक्रवार को पुणे में कहीं।

ज्ञान फाउंडेशन द्वारा प्रथम लोकनेता भाई वैद्य स्मृति कृतज्ञता पुरस्कार वरिष्ठ समाजवादी नेता वर्षा गुप्ते को प्रदान किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. आढ़ाव ने कहा कि आर्थिक और सामाजिक विषमता मानव जीवन को खोखला बना रही है। इस विषमता को दूर करना हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है। इसलिए हमें समाज के निचके हिस्से तक जाकर काम करने की जरूरत है। शोषण का अहसास ही शोषण के खिलाफ लड़ी जाने वाली लड़ाई की दिशा में पहला कदम होता है। उन्होंने आगे कहा कि देशवासियों को भारतीय विचारों को आत्मसात करना चाहिए। जनआंदोलन की अगुवाई करने वालों को हमेशा आत्मपरीक्षण करना चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि हमारी कोशिशों में कहाँ कमी रह गई।

इसी राह पर चलूंगी

भाई वैद्य स्मृति पुरस्कार प्राप्त वरिष्ठ समाजवादी नेता वर्षा गुप्ते ने कहा कि आज तक मैंने यह समझकर कार्य किया कि मेरा काम ही मेरा पुरस्कार है। भाई वैद्य के विचारों के कारण मुझ जैसी एक आम स्त्री कार्यकर्ता के रूप में तब्दील हो सकी। समाजवादी विचारों से मेरे जीवन को दिशा मिली है। अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए मैं हमेशा इसी राह पर चलती रहूंगी। कार्यक्रम में आरोग्य सेना के अध्यक्ष डॉ. अभिजीत वैद्य, ज्ञान फाउंडेशन के अध्यक्ष मनोहर कोलते, सचिन शिंदे तथा अर्चना मुंद्रा भी उपस्थित थे।