मोदी मंत्रिमंडल के 9 सदस्यों में से 8 उप्र से चुनाव जीते

लखनऊ (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन –  मोदी मंत्रिमंडल के नौ सदस्यों को भाजपा ने इस लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की विभिन्न सीटों पर उम्मीदवार बनाया था, जिनमें से आठ ने जीत दर्ज कराई है, जबकि एकमात्र मंत्री मनोज सिन्हा को हार का सामना करना पड़ा है। सिन्हा केंद्र सरकार में रेल राज्यमंत्री रहे हैं।

सबसे बड़ी जीत केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को मिली है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 55,120 वोटों से हाराया है। उप्र की वीआईपी सीट में शुमार अमेठी पर पूरे देश के निगाहें थीं। यह सीट गांधी परिवार से दूसरी बार छिनी है।

इसके अलावा सुलतानपुर सीट पर महिला एवं परिवार कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने गठबंधन प्रत्याशी बसपा के चंद्रभद्र सिंह सोनू को 14,526 वोटों से मात देकर जीत दर्ज कराई है। पिछली बार इस सीट से सांसद उनके बेटे वरुण गांधी थे। लेकिन इस चुनाव में दोंनों ने आपस में यह सीट बदल ली थी।

दिल्ली से सटी गजियाबाद पर विदेश राज्यमंत्री जनरल वी़ क़े सिंह ने गठबंधन उम्मीदवार सपा के सुरेश बंसल को 501,500 मतों से पराजित किया है। पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री डॉ. महेश शर्मा ने गौतम बुद्घ नगर सीट से बसपा के सतवीर को 336,922 मतों से हराकर इस सीट पर कब्जा बरकरार रखा है।

केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने फतेहपुर सीट से अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी गठबंधन उम्मीदवार बसपा के सुखदेव प्रसाद वर्मा को 198,205 वोटों से हरा कर अपना कब्जा बरकार रखा है। केन्द्रीय श्रम एवं सेवायोजन मंत्री संतोष गंगवार ने बरेली सीट से गठबंधन प्रत्याशी सपा के भगवत शरण गंगवार को 167,282 वोटों से हराकर जीत दर्ज की है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री और भाजपा के सहयोगी अपना दल-सोनेलाल की प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल ने मिर्जापुर सीट से गठबंधन उम्मीदवार सपा के राम चरित्र निषाद को 232,008 वोटों से हरा कर संसद में अपनी जगह बरकरार रखी है।

मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने बागपत सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी रालोद उम्मीदवार जयंत चौधरी को 23,502 मतों से पराजित कर दिया है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को गाजीपुर सीट पर निराशा हाथ लगी है। यहां से रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा गठबंधन बसपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी के हाथों 119,392 मतों से चुनाव हार गए। जबकि सिन्हा ने अपने मंत्रित्वकाल में कथित तौर पर गाजीपुर में खूब विकास कार्य करवाए थे।