सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 से 58 वर्ष करने को लेकर पूछे गए सवाल पर सरकार ने संसद में दिया ‘यह’ जवाब, जानिए

नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन– जिन-जिन केन्द्रीय कर्मचारियों को यह डर सता रहा था कि, 58 वर्ष की उम्र में उन्हें रिटायरमेंट दे दिया जाएगा, उन्हें अब घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि आज संसद सत्र के दौरान यह स्पष्ट कर दिया गया है कि सरकार ने ऐसा कोई प्रस्ताव तैयार नहीं किया है, जिसमें सरकारी  कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से घटाकर 58 वर्ष करने को कहा गया हो. केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी लोकसभा में आज लिखित रूप में यह जानकारी उपलब्ध करा दी गई है.

जितेंद्र सिंह ने कहा कि बुनियादी नियमों (56 (j), केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 48 और नियम 16 (3) (संशोधित), अखिल भारतीय सेवाओं (मृत्यु-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के तहत प्रावधान हैं, जिसके अंतर्गत्, सरकार के पास समय से पहले अधिकारियों को सेवानिवृत्त करने का अधिकार है. सरकार के पास सार्वजनिक जनहित के चलते कर्मचारी को नोटिस भेजने का अधिकार भी है। ऐसे मामलों में, सरकार तीन महीने से कम समय के लिए नोटिस नहीं दे सकती है और न ही तीन महीने के वेतन और भत्ते का भुगतान कर सकती है।

उन्होंने आगे कहा कि, ‘सरकारी कर्मचारी पर इस तरह के प्रावधान लागू हो सकते हैं यदि वह ग्रुप ‘ए’ या ग्रुप ‘बी’ सेवा में है या किसी स्थायी, अर्ध-स्थायी या अस्थायी क्षमता में पद पर है और 35 वर्ष की उम्र से पहले सेवा में आया है और वह 50 साल से अधिक उम्र का है.’  उन्होंने कहा कि किसी भी अन्य मामले में 55 साल की उम्र का होने के बाद ये नियम कर्मचारियों पर लागू होंगे.
सिंह ने जानकारी दी कि, सरकार 1 अप्रैल, 2020 से सेवानिवृत्ति की आयु में बदलाव ला सकती है। ऐसी चर्चा थी कि सेवानिवृत्ति की आयु बदलने से नए केंद्रीय कर्मचारियों के प्रमोशन और नई भर्ती का रास्ता खुल जाएगा। वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष, जबकि डॉक्टर और विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की आयु 65 साल है.