भारत में सावरकर को ही बनाया जा रहा है टार्गेट

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – भारत में सावरकर और उनके बारे में कुछ न कुछ गलतफहमी फैलाने के एक यंत्रणा लगातार कार्यरत है। लगातार सावरकर को ही टार्गेट क्यों किया जा रहा है? यह नाराजगी भरा सवाल उठाते हुए मशहूर अभिनेता शरद पोंक्षे ने रविवार को पिंपरी चिंचवड में स्वर गंधर्व संगीत महोत्सव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, दिल्ली के एक लड़के की वजह से सावरकर फिर चर्चा में हैं। जिसे अपनी दादी का इतिहास नहीं पता उससे सावरकर के इतिहास के बारे में जानकारी की उम्मीद रखना ही गलत होगा।
शरद पोंक्षे ने कहा कि, हिंदुस्तान में, सावरकर शब्द दिल्ली में एक मूर्ख लड़के के कारण सुर्खियों में आया है। मैं उस बच्चे के लिए शुक्रगुजार हूं। वह हर डेढ़ महीने में इस तरह के बयान देता रहता है। ताकि प्रत्येक हिंदू पुरुष का आंतरिक सावरकर जागृत हो। हिंदू राष्ट्रवाद की बात आती है, तो सभी एकजुट होकर काम करते हैं। उन्हें ऐसा करना जारी रखना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सावरकर की फोटो वाला पहला डाक टिकट तब छपा था जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। दादर में शिवाजी पार्क के सामने सावरकर का राष्ट्रीय स्मारक है। उस समय, उन्होंने स्मारक को खड़ा करने के लिए अपने व्यक्तिगत बैंक खाते से 15 हजार रुपये दिए थे। इंदिरा गांधी को सावरकर की कीमत पता थी।
अब तक यह कभी नहीं देखा गया है कि चार ब्राह्मणों ने सड़कों पर उतर कर विरोध दर्ज कराया हो क्योंकि सावरकर ब्राह्मण थे, और उनका अपमान किया। जिन्हें एक ब्राह्मण नाम की चौखट में बांधा गया उस आदमी ने जीवन में कभी जाति-पति नहीं समझी। वे केवल एक ही जाति मानते थे, वह है, हिंदू जाति। इसलिए, अपने पूरे जीवन में उन्होंने सभी हिंदू समुदायों, सभी जातियों को एकजुट करने और हिंदू जाति के रूप में एक साथ आने की कोशिश की। वह घोषणा करते रहे कि राष्ट्रीयता हिंदू धर्म के समान है।वह हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते थे। सावरकर एक हिंदुत्ववादी हैं, सावरकर का हिंदुत्ववाद आज तक सभी को ज्ञात नहीं है। इसलिए, जो भी आता है, सावरकर के बारे में बयानबाजी करता रहता है, यह टिप्पणी भी उन्होंने की।