विपक्ष के हंगामे का फटका खुद महापौर को भी !

पिंपरी। समाचार ऑनलाईन-हालिया संपन्न हुई सर्व साधारण सभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस द्वारा मचाये गए हंगामे को लेकर तरह- तरह के सवाल उठ रहे हैं। शिवसेना और मनसे ने इस हंगामे को सत्तादल भाजपा और राष्ट्रवादी की मिलीभगत बताई है। खुद राष्ट्रवादी का ही एक खेमा भी विपक्षी दल के नेता दत्ता साने के आंदोलन के रवैये पर नाराज है। विपक्ष में लगी इस ‘आग’ से जहां भाजपा का एक खेमा सियासी ठंड दूर करने के लिए इस्तेमाल कर रहा है। वहीं दूसरा खेमा भी नाराज चल रहा है। उसका कहना है कि हंगामे के कारण कुछ प्रस्ताव ‘गलती’ से पारित किए गए। इसमें पीएमपीएमएल के लिए 160 की बजाय 360 बस खरीदी का प्रस्ताव शामिल है।

विपक्ष के हंगामे से नाराज सत्तादल के खेमे में खुद महापौर राहुल जाधव भी शामिल हैं। उनका मानना है की इस हंगामे के चलते पीएमपीएमएल के लिए बस खरीदी का प्रस्ताव गलती से पारित किया गया। यही नहीं उन्होंने इस पारित प्रस्ताव को रद्द करने की घोषणा भी की है। जिस प्रस्ताव को वे गलती से पारित होना बता रहे हैं इसे दो उपसुझाव के साथ पारित किया गया है। महापौर की घोषणा से बस ख़रीदी के प्रस्ताव को लेकर भाजपा में अंदरूनी मतभेद उजागर हो गए हैं। हालांकि इस पर सभागृह नेता एकनाथ पवार एकदम सावधानी से राय देते नजर आए। उन्होंने कहा कि अगर महापौर उस प्रस्ताव से सहमत नहीं है तो उसकी वजह निश्चित ही वैसी होगी। वे पीएमपीएमएल के निदेशक भी हैं।

पीएमपीएमएल कंपनी के लिए 160 सीएनजी बस खरीदी का प्रस्ताव सर्व साधारण सभा में पेश किया गया था। इस पर सत्तादल ने उपसुझावों के जरिए और 60 बसें खरीदने के लिए 30 करोड़ और 260 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए 130 करोड़ कुल 360 बस खरीदी का प्रस्ताव पारित किया। असल में सन्तपीठ की नियोजन समिति के प्रस्ताव पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्यों के आंदोलन से सभागृह में खासा हंगामा मचा। इसी हंगामे के बीच सन्तपीठ के साथ ही बस खरीदी, भोसरी हॉस्पिटल के निजीकरण जैसे कई अहम प्रस्ताव बिना चर्चा और बिना प्रस्ताव वाचन के ही पारित किए गए। अब राष्ट्रवादी के इस हंगामे पर सवाल उठ रहे हैं कि यह हंगामा सत्तादल और विपक्ष की मिलीभगत थी ताकि सभी अहम प्रस्तावों पर भाजपा जैसा चाहती थी वैसे ही फैसले हो सके। हालांकि विपक्ष के नेता दत्ता साने ने इस आरोप से इनकार किया है। मगर शिवसेना, मनसे के साथ खुद राष्ट्रवादी के कुछ नगरसेवक उनसे नाराज चल रहे हैं। विपक्ष की ताकत को कम करने में मिली सफलता को लेकर सभागृह नेता एकनाथ पवार जहां खुश नजर आ रहे हैं वहीं महापौर राहुल जाधव मात्र बस खरीदी का प्रस्ताव ‘गलती’ से पारित हो जाने से कुछ खफा खफा से हैं।