विवादित मुख्य स्वास्थ्य व चिकिसीय अधिकारी डॉ रॉय को सख्ती के अवकाश पर भेजने के आदेश

एट्रोसिटी व अन्य धाराओं के तहत दर्ज है मामले

पिंपरी। पुणे समाचार ऑनलाइन

एट्रोसिटी एवं भारतीय दंड विधान की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज रहने से पिंपरी चिंचवड़ मनपा के विवादित मुख्य स्वास्थ्य व चिकिसीय अधिकारी डॉ अनिल रॉय को सख्ती से अवकाश पर भेजने का आदेश दिया गया। बुधवार को स्थायी समिति की साप्ताहिक बैठक में डॉ रॉय के खिलाफ दर्ज हर मामले के बारे में चर्चा हुई जिसमें स्थायी समिति अध्यक्षा ममता गायकवाड़ ने प्रशासन को उक्त आदेश दिया।

सोची समझी साजिश और जानबूझकर कर बदनामी के जरिए एक पिछड़े वर्गीय डॉक्टर को चार सालों से प्रमोशन पाने से रोके रखे जाने की शिकायत तले पिंपरी चिंचवड़ मनपा के मुख्य स्वास्थ्य व चिकिसीय अधिकारी डॉ रॉय और डॉक्टर संगठन के डॉ हेमन्त चिखलीकर के खिलाफ पिंपरी पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इस बारे में पीड़ित डॉक्टर द्वारा दायर की गई याचिका की सुनवाई में पुणे जिला व सत्र न्यायालय ने पुलिस को दोनों डॉक्टर अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिये हैं। डॉ शंकर जाधव की शिकायत के अनुसार पिंपरी पुलिस ने डॉ चिखलीकर के खिलाफ आईपीसी की धारा 166, 420, 500, 504, 506, 34 और डॉ रॉय के खिलाफ एट्रोसिटी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

डॉ जाधव की शिकायत के अनुसार, उन्हें 2014 में मनपा के वाईसीएम हॉस्पिटल के उप अधीक्षक पद का प्रमोशन मिलना था। मगर डॉ चिखलीकर ने डॉक्टर संगठन के फर्जी लेटरहेड जरिए प्रशासन को एक पत्र भेज कर उनकी बदनामीकारक शिकायत की थी। डॉ जाधव ने इसकी जांच की मांग की थी जिस पर डॉ रॉय ने कोई कार्यवाही नहीं की, उलटे उनकी बदनामी करने वाले शिकायत पत्र को मनपा के ईमेल से मनपा के सभी अस्पतालों को भेजकर डॉ जाधव की बदनामी की। पिम्परी विभाग के सहायक पुलिस आयुक्त सतीश पाटिल मामले की जांच कर रहे हैं। आज स्थायी समिति की बैठक में वरिष्ठ नगरसेवक विलास मडेगीरी ने डॉ रॉय के खिलाफ दर्ज मामले और उनके कारनामों का मुद्दा उठाते हुए उन्हें सख्ती के अवकाश पर भेजने की मांग की।