पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया 

बिश्वनाथ | समाचार ऑनलाइन

असम के बिश्वनाथ जिले से कुछ ऐसी तस्वीरें आ रहीं  जिससे हमारी शिक्षा व्यवस्था और एजुकेशन सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। बिश्वनाथ जिले के बच्चों को स्कूल जाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालना पड़ता है। बच्चे ऐसा करने पर मजबूर है।

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यहां के सरकारी स्कूल नदी के दूसरी ओर है और स्कूल में जाने के लिए बच्चों को एलुमिनियम के पतीले में बैठ कर नदी पार करना पड़ता है। बच्चे स्कूल जाते समय स्कूल बैग के साथ एक बड़ा सा पतीला भी साथ ले कर जाते है जिस में बैठ कर वह नदी पार करते है। स्कूल बैग लेकर, पतीले में बैठ कर नदी पर करना बहुत ही जोखिम काम है। इससे किसी बच्चे की जान भी जा सकती है। नदी और स्कूल के बीच  पल नहीं होने से बच्चों को इन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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क्षेत्र के विधायक प्रमोज बोर्थकर ने कहा कि, यह देख कर मैं बहुत शर्मिदा हूं। मुझे नहीं पता कि सरकार ने इस टापू पर स्कूल क्यों बनाया। हम बच्चों के लिए जल्द से जल्द नाव उपलब्ध कराएंगे और साथ ही जिलाधिकारी से स्कूल को किसी दूसरी जगह पर शिफ्ट करने को भी कहेंगे।