नई दिल्ली, 19 दिसम्बर (आईएएनएस)| लोकसभा में बुधवार को सरोगेसी (नियामक) विधेयक, 2016 ध्वनिमत से पारित हो गया।
यह सरोगेसी के प्रभावी नियमन को सुनिश्चित करता है और व्यवसायिक सरोगेसी को प्रतिबंधित करता है। सरोगेसी (किराए की कोख) विधेयक सिर्फ गर्भधारण में अक्षम व माता-पिता बनने में अक्षम को ही सरोगेसी तकनीक का इस्तेमाल करने की इजाजत देता है।
सरोगेट मां और संतान पाने के इच्छुत दंपति को उचित अथॉरिटी से योग्यता प्रमाणपत्र लेने की जरूरत होगी। सरोगेट मां के लिए दंपति का करीबी रिश्तेदार होना जरूरी है।
इस विधेयक में एक राष्ट्रीय सरोगेसी बोर्ड, राज्य सरोगेसी बोर्ड के गठन और सरोगेसी की प्रक्रिया व प्रक्रिया के नियमन के लिए उचित अधिकारियों की नियुक्ति का नियम भी शामिल है।