सत्ताधारियों द्वारा पिंपरी-चिंचवड़ शहर की उपेक्षा की जा रही : अजीत पवार

रहाटणी में आयोजित कामगार परिषद में पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा – मनपा आयुक्‍त असमर्थ और कमजोर नजर आ रहे 
पिंपले गुरव : समाचार ऑनलाइन – राज्य सरकार के चार साल पूरे हो चुके हैं. चुनावी मौसम तो दूर है लेकिन सरगर्मियां जरुर तेज हो गई है. एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के बीच सियासी पार्टियां लोगों को लुभाने में जुट गई है. कोई मौजूदा सरकार के वादे याद करा रहा है तो कोई पिछली सरकार में नहीं हुए कार्यों को गिनाने में जुटा है. इस बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री और एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि  सत्ताधारियों द्वारा पिंपरी-चिंचवड़ शहर की उपेक्षा की जा रही है. पालकमंत्री शहर में नजर नहीं आते हैं. पिंपरी-चिंचवड़ को देखने वाला कोई नहीं है. मनपा आयुक्‍त श्रवण हर्डिकर असमर्थ और लाचार हो गए हैं. उन्होंने कहा कि लाल बत्ती और विभिन्न मंडलों के सदस्य व पदाधिकारी बनने के लिए पार्टी बदल कर भाजपा में शामिल हुए लोगों को भाजपा ने अभी तक कुछ नहीं दिया है. केवल भ्रम में रखा है. अब केवल छह महीने का समय बचा है.

राष्ट्रवादी कांग्रेस के शहराध्यक्ष संजोग वाघेरे की पहल पर शनिवार को रहाटणी में कामगार परिषद का आयोजन किया गया था. इसके लिए अजीत पवार शहर में आए थे. इससे पहले उन्होंने पत्रकारों से पिंपले गुरव के विला कासा होटल में बातचीत की. इस दौरान विधायक विलास लांडे, विरोधी पक्षनेता दत्ता साने, पूर्व महापौर योगेश बहल, पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष प्रशांत शितोले, नगरसेवक नाना काटे, राजू मिसाल, श्याम लांडे व युवक अध्यक्ष विशाल वाकडकर आदि उपस्थित थे.

अजीत पवार ने कहा कि जब मनपा में राष्ट्रवादी कांग्रेस की सत्ता थी हमने सभी को साथ लेकर शहर का विकास कार्य किया. मैं पदाधिकारियों और आयुक्‍तों में समन्वय बिठाकर काम करता था. तो केंद्र से जुड़े मुद्दों को शरद पवार साहेब हल करते थे. अब केवल पालकमंत्री है जो शहर में रहते नहीं है. शहर में सुविधा लाने की बजाए शहर के सरकारी कार्यालयों को पिंपरी-चिंचवड़ से बाहर ले जाया जा रहा है. किसी का ध्यान शहर पर नहीं है. इन सबके बीच मनपा आयुक्‍त लाचार और असमर्थ नजर आ रहे हैं. विधायकों व सांसदों को शहर के विकास का नहीं बल्कि खुद के हित का ज्यादा ध्यान है. विकास कार्यों के टेंडर में रिंग किया जा रहा है. रेडजोन, कचरा, पानी, महंगाई, सूखा सभी मोर्चे पर सत्ताधारी विफल हुए हैं. उन्होंने कहा कि पीएमआरडीए का कार्यालय पुणे लेकर चले गए. शहर से सटे उपनगरीय नागरिकों को किसी भी काम के लिए पुणे जाना पड़ रहा है. हमने नागरिकों को कभी परेशान नहीं किया.
राष्ट्रवादी के कार्यकाल में स्मार्ट हुआ शहर

भाजपा ने अव्यवस्था फैलाने का काम किया है. कचरा टेंडर में रिंग हुआ. यह उनकी पार्टी के सांसद बोल रहे हैं. पैसे कमाने के लिए दो पार्ट किए गए हैं. नगरसेवक और लाल बत्ती, विभिन्न मंडलों के सदस्य व पदाधिकारी बनने के लिए पार्टी बदल कर भाजपा में शामिल हुए लोगों को भाजपा ने अभी तक कुछ नहीं दिया है. केवल भ्रम में रखा है. अब बस छह महीने का समय बचा है.

59 मिनट में एक करोड़ रुपए देने की घोषणा सरकार ने की है, लेकिन प्रत्यक्ष रूप से इस योजना को कार्यान्वित करना संभव नहीं. बस चुनाव आते ही ऐसे जुमले शुरू हो जाते हैं.

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