पिंपरी चिंचवड़ मनपा का मैलापानी शुद्धिकरण केंद्र अवैध

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – इंद्रायणी नदी पाट के पास चिखली में पिंपरी चिंचवड़ मनपा द्वारा बनाया जा रहे मैलापानी शुद्धिकरण परियोजना बाढ़ नियंत्रण रेखा (ब्ल्यू लाइन) में रहने की जानकारी सामने आयी है। इस अवैध परियोजना को माहभर के भीतर जमींदोज करने के आदेश राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने दिए हैं। साथ ही मनपा प्रशासन को इस आदेश की अमलबाजी की रिपोर्ट भी पेश करने के आदेश दिए हैं। सत्तादल भाजपा ने गलत तरीके से वित्तीय लाभ के लिए यह परियोजना चलाने की कोशिश की थी। उसकी मनमानी के लिए यह एक बड़ा सबक मिला है, यह प्रतिक्रिया राष्ट्रवादी कांग्रेस के नगरसेवक और मनपा के भूतपूर्व विपक्षी नेता दत्ता साने ने व्यक्त की है।
जून 2019 में रिवर फेडरेशन ऑफ रिवर रेजिडेंसी ने मनपा के सीवेज ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट के खिलाफ पर्यावरण और नदी की सुंदरता को नुकसान से बचाने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इस  परियोजना अवैध रूप से इंद्रायणी नदी बाढ़ नियंत्रण रेखा में बनाया जा रहा है। इसकी शिकायत करने के बावजूद मनपा द्वारा इसका निर्माण कार्य जारी रखा था। इसके चलते महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास भी शिकायत की गई जिसके बाद मनपा को नोटिस जारी की गई। इसके बावजूद परियोजना का काम जारी रहने कारण फेडरेशन ऑफ रिवर रेसिडेंसी ने राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण से इंसाफ मांगा। न्यायाधिकरण ने इसकी सुनवाई में 22 जून को एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए। तदनुसार, 6 जुलाई को साइट निरीक्षण किया गया था। उसके बाद, परियोजना को आखिरकार स्थगित कर दिया गया। तब तक परियोजना की सीमा दीवार, पिलर्स आदि का निर्माण पूरा हो गया था। गुरुवार की सुनवाई में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायाधिकरण ने मनपा को आदेश दिए कि इस परियोजना को एक माह के भीतर ध्वस्त कर दिया जाए। इस कार्रवाई के बाद उसकी रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया गया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस के स्थानीय नगरसेवक दत्ता साने ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, सत्तादल भाजपा ने आर्थिक लाभ के लिए इस परियोजना को गलत तरीके से स्थापित करने की कोशिश की। भले ही वह जमीन बाढ़ नियंत्रण रेखा में आ रही हो। बारिश के मौसम में बाढ़ का पानी आ गया था। उन्होंने उसकी ओर ध्यानाकर्षित करते हुए प्रशासन को भी दिखाया। फिर भी, उसका निर्माण काम किया जा रहा था। स्थानीय रिवर रेसीडेंसी के निवासी इस परियोजना के खिलाफ है। हालांकि, सत्तारूढ़ भाजपा और प्रशासन की कानों पर जूं नहीं रेंगी। इस बारे में कई बार मैंने मनपा की सर्वसाधारण सभा में आवाज उठाई। रिवर रेसीडेंसी के बारे में नागरिकों की राय बताने का प्रयास किया। हालाँकि, सत्तापक्ष ने बहुमत के जोर पर परियोजना लादने पर आमादा रहा। मगर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने उन्हें एक बड़ा सबक दिया है। इस बारे में मनपा के सह शहर अभियंता मकरंद निकम ने कहा, बाढ़ नियंत्रण रेखा में आने से हरित न्यायाधिकरण ने परियोजना का निर्माणकार्य ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं। परियोजना का केवल पांच प्रतिशत काम हुआ था। यह निर्माण मध्यस्थता आदेश द्वारा ध्वस्त कर दिया जाएगा। वहां और कोई काम नहीं किया जाएगा।