पिंपरी चिंचवड़ मनपा का निरंकुश प्रशासन और तमाशबीन सत्तादल

सांसद श्रीरंग बारने का आरोप
पिंपरी। संवाददाता
अतिक्रमण से घिरे चौक, गड्ढों से भरी सड़कें, पवना बांध के लबालब रहने के बावजूद पानी की किल्लत, स्वच्छता और बेस्ट सिटी की सूची में पिछड़े पिंपरी चिंचवड़ शहर की यात्रा अधोगति की ओर शुरू हो गई। जिस उम्मीद के साथ शहरवासियों ने यहां सत्ता परिवर्तन किया उन्हें सालभर में ही पछतावा हो रहा है। यह टिप्पणी करते हुए शिवसेना के सांसद श्रीरंग बारने ने मनपा के कामकाज पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यहां का प्रशासन निरंकुश और सत्तादल तमाशबीन बनकर रह गया है।
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शहर की अधोगति की ओर ध्यानाकर्षित करने के उद्देश्य से सांसद बारने ने गुरुवार को मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर से मुलाकात की। इस मौके पर विधायक गौतम चाबुकस्वार, शिवसेना शहरप्रमुख योगेश बाबर, नगरसेवक नीलेश बारने, सचिन भोसले, प्रमोद कुटे, अश्विनी चिंचवड़े, गजानन चिंचवड़े आदि उपस्थित थे। इसके बाद संवाददाताओं के साथ की गई बातचीत में उन्होंने उपरोक्त टिप्पणी करते हुए कहा कि, शहर की सड़कें और चौक हॉकर्स के अतिक्रमण से भरे हैं, लोगों का पैदल चलना दूभर हो गया है। जनप्रतिनिधियों के आशिर्वाद से स्थानीय गुंडों की हफ्ताखोरी से अतिक्रमण बढ़ रहे हैं। मनपा के पास अतिक्रमण हटाने की सक्षम यंत्रणा ही नहीं है। पर्याप्त संसाधन रहने के बावजूद यह विभाग सक्षम रूप से काम नहीं कर पा रहा है।
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बरसात में सड़कों पर गड्ढे होते ही हैं ऐसा गैरजिम्मेदाराना जवाब दिया जाता है लेकिन ठोस उपाययोजना नहीं की जा रही। पवना बांध लबालब हो चुका है, इसके बावजूद पानी की किल्लत दूर नहीं हो पा रही है। आयुक्त इसके लिए अवैध नल कनेक्शनों को जिम्मेदार बताते हैं मगर उसके खिलाफ कार्रवाई करने में टालमटोल करते हैं। यह आरोप लगाते हुए सांसद बारने ने कहा, मनपा आयुक्त का प्रशासन पर कोई नियंत्रण, अंकुश नहीं है। उनपर अंकुश रखने की जिम्मेदारी जिनपर सौंपी गई है, वह सत्तादल भी तमाशबीन बना बैठा है। भ्रष्ट, लापरवाह और मनमाने कामकाज का खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। अब जरूरत लोगों के जागरूक बनने की है। राजनीतिक अपराध पर लगाम कसे बिना शहर में बढ़ते अपराध पर नियंत्रण नहीं पाया जा सकेगा, यह दावा भी उन्होंने एक सवाल के जवाब में किया। विधायक चाबुकस्वार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के टेंडर में 150 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया।