पिंपरी चुनावी राडा: एससी कमीशन ने पुलिस औऱ जिला प्रशासन से मांगा जवाब

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान के दिन पिंपरी चिंचवड़ के पिंपरी कैम्प में शिवसेना- भाजपा महायुति व राष्ट्रवादी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प को नेशनल एससी कमीशन ने गंभीरता से लिया है। भाजपा के उत्तर भारतीय मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सोनकर की शिकायत पर कमीशन ने पुलिस और जिला प्रशासन से जवाब मांगा है। इस बारे में आईजीपी, पिंपरी चिंचवड़ के पुलिस कमिश्नर और पुणे के कलेक्टर को नोटिस जारी कर उन्हें 5 दिसंबर की दोपहर सवा तीन बजे होने जा रही सुनवाई में उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है। नेशनल एससी कमीशन के सदस्य डॉ स्वराज विद्वान के समक्ष यह सुनवाई होगी, ऐसा कमीशन के रिसर्च ऑफिसर एपी गौतम द्वारा जारी की गई नोटिस में कहा गया है।
विधानसभा चुनाव के मतदान के दिन पिंपरी कैम्प में बोगस वोटिंग के मुद्दे पर शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी। इसमें शिवसेना के कार्यकर्ता अनिल पारचा और भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सोनकर, जोकि खुद एससी कमीशन के महाराष्ट्र राज्य इकाई के समन्यवक रह चुके हैं, के अंगरक्षक अभिनव सिंह पर जानलेवा हमला किये जाने से वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से परस्पर विरोधी शिकायत दर्ज कराई गई। इसके अनुसार पिंपरी पुलिस ने दोनों तरफ के लोगों के खिलाफ धारा 307 समेत अन्य धाराओं के तहत मामले दर्ज कर सोनकर और राष्ट्रवादी के वरिष्ठ नगरसेवक एवं भूतपूर्व उपमहापौर हीरानंद उर्फ  आसवानी समेत कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया। बाद में दोनों तरफ के लोगों को जिला सत्र न्यायालय से जमानत मिल गई।
धर्मेंद्र सोनकर ने नेशनल एससी कमीशन को इस बारे में शिकायत की कि, पुलिस ने राजनीतिक दबाव में आकर उनके खिलाफ़ गलत मामला दर्ज कर कार्रवाई की है। विरोधी पक्ष से हमारे लोगों पर जानलेवा हमला किया गया, उसमें दो लोग मौत के मुंह से वापस आए हैं। सोनकर ने यह भी कहा है कि, वे उस दिन मौके पर झगड़ा सुलझाने गए थे, न कि कोई झगड़ा करने। पुलिस ने बयान देने के बहाने बुलाकर धोखे से उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनकी गाड़ी में पुलिस को दो लाइसेंसी असलहे मिले, ऐसा पुलिस का कहना है। जबकि चुनावी आचार संहिता के दौरान उन्हें लाइसेंसी असलहे जमा कराने चाहिए थे। इस पर सोनकर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि, उनकी जान को खतरा है, खुद एससी कमीशन ने उन्हें पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश दिए हैं। इसके बावजूद उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई, नतीजन आत्मरक्षा के लिए उन्होंने लाइसेंसी असलहे जमा नहीं कराए थे। बहरहाल सोनकर की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एससी कमीशन ने पुलिस और जिला प्रशासन से जवाब मांगा है।