204 करोड़ तक पहुंच गया पीएमपीएमएल का घाटा 

पिंपरी। समाचार ऑनलाइन 
पिंपरी चिंचवड़ मनपा की पीसीएमटी और पुणे मनपा की पीएमटी को विलीन कर अस्तित्व में आये पीएमपीएमएल की स्थापना का उद्देश्य कहीं साध्य होता नजर नहीं आ रहा। दोनों मनपाओं से वित्तीय सहायता मिलने के बाद भी न तो पीएमपीएमएल आर्थिक रूप से सक्षम हो पा रही है न पुणे और पिंपरी चिंचवड़ शहरवासियों को सक्षम रूप से यातायात सुविधा दे पा रही है। अब तो पीएमपीएमएल का घटा 204 करोड़ तक पहुंच गया है। वहीं आमदनी के अन्य स्त्रोत 96  करोड़ से घटकर 11 करोड़ तक नीचे आ गया है। नतीजन पीएमपीएमएल की आमदनी 62 करोड़ तक घट गया है। यानी कि पुणे और पिंपरी चिंचवड़वासी आगे भी सक्षम यातायात सुविधा से दूर रहेंगे यह तय माना जा रहा है।
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पुणे और पिंपरी चिंचवड़ मनपा ने अगर बीते वर्ष की तुलना में 61 करोड़ बढाकर 210 करोड़ रुपए की वित्त सहायता दी गई है, फिर भी पीएमपीएमएल की आर्थिक स्थिति में कोई सुधार होता नजर नहीं आता। बसों की संख्या कम होने से यात्री संख्या घट गई है जिसका असर पीएमपीएमएल की आमदनी पर हो रहा है जो घाटे के रूप में हर साल आगे आ रहा है। 2016 – 2017 की तुलना में पीएमपीएमएल का आर्थिक घटा भले ही पांच करोड़ से कम नजर आ रहा हो, मगर इस बार आमदनी में भी 62 करोड़ 41 रुपए की कमी आयी है। आमदनी के अन्य स्त्रोतों से मिलने वाली आमदनी भी घटी है। पहले अन्य स्त्रोतों से 96 करोड़ 97 लाख रुपए मिलते थे वह अब घटकर 11 करोड़ 80 लाख रुपए तक पहुंच गया है। गुरुवार को पीएमपीएमएल के निदेशक मंडल की बैठक में गत वित्त वर्ष का लेखा-जोखा पेश किया जा रहा है। इसमें कंपनी को हो रहे घाटे और घटती आमदनी के बारे में घमासान चर्चा के आसार नजर आ रहे हैं।
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