पोलादपुर हादसा: उच्च स्तरीय जांच की मांग 

रायगढ़ | समाचार ऑनलाइन

पोलादपुर के आंबेनली घाट से 28 जुलाई को दापोली कृषि विद्यापीठ के कर्मचारियों को लेकर जा रही बस खाई में गिर गई थी, इस हादसे में 30 लोगों की मौत हुई थी, जबकि एक व्यक्ति जिंदा बच गया था। हादसे के पीछे जो कारण अब तक बताये जा रहे हैं, उन पर दापोली तहसील के गिम्हवणे निवासी संजय अनंत गुरव ने सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने जीवित बचे विद्यापीठ कर्मी प्रकाश सावंत देसाई की भूमिका पर संदेह जताते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। संजय ने इस संबंध में दापोली विद्यापीठ प्रशासन को पत्र भी लिखा है। संजय गुरव ने कुछ बिंदु रेखांकित करके ये बताने का प्रयास किया है कि हादसे और प्रकाश देसाई के बीच कनेक्शन है, जिस पर अब तक किसी का ध्यान नहीं गया है। मसलन:

-आंबेनली घाट एक तरफ से ऊंचा और दूसरी तरफ गहरी खाई है।
– खाई में यदि कोई पत्थर भी गिरता है तो नीचे तक पहुँचते-पहुँचते चकनाचूर हो जाता है।
– दुर्घटना जिस स्पॉट से हुई, वो यात्रियों के लिहाज से काफी सुरक्षित है। यहां, हादसों की आशंका कम रहती है।
– यदि कोई हादसा होता भी है, तो खाई में गिरने के बावजूद कोई जीवित कैसे निकल सकता है।

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इतने सतर्क कैसे थे सावंत?
संजय के अनुसार, दुर्घटना के बाद पूरी बस खाई में गिर गई, किसी को भी सँभालने का मौका नहीं मिला। ऐसे में प्रकाश सावंत कैसे सुरक्षित बस से बाहर आ गए, वो इतने सतर्क कैसे थे? उन्होंने मीडिया को बताया था कि वो उछल के बाहर आ गए थे और जो हाथ में आया उसे पकड़ने की कोशिश करते रहे। उन्होंने कई असंभव बातों का जिक्र किया। जिस जगह पर यह हादसा हुआ, वहां खाई एकदम सीधी है, बचावकर्मी भी रस्सी के सहारे चढ़-उतर रहे थे। ऐसी स्थिति में सावंत द्वारा मिट्टी में उंगलियाँ धंसाकर छोटी-छोटी घास के सहारे ऊपर चढ़ना किसी फ़िल्मी कहानी की तरह लगता है।

एक खरोंच तक नहीं आई 
संजय के मुताबिक, बचावकार्य में लगे लोगों का कहना था वहां आसानी से दो गाड़ियाँ आ-जा सकती हैं, फिर ये कैसे मुमकिन है कि बस अचानक से एक तरफ चली गई? उन्होंने ये भी कहा कि खाई से ऊपर चढ़ते समय सावंत को कोई खरोंच तक नहीं आई। ऐसे हादसों में सबसे पहले ड्राइवर के पास बाहर कूदने का मौका होता है, लेकिन इस मामले में ड्राइवर की मौत हो गई।

क्या हुआ होगा?
संजय गुरव का मानना है कि सावंत बस चला रहे होंगे और उनके नियंत्रण खोने के चलते बस खाई में गिर गई। ड्राइवर की सीट से आसानी से दरवाज़ा खोलकर कूदा जा सकता है, यही वजह है कि वो जीवित बच गए। यात्रा के दौरान कुछ कर्मचारियों ने फोटो खींचकर भेजे थे, जिनमें नज़र आ रहा था कि सावंत देसाई ड्राइवर की सीट पर बैठे हैं। इससे इस शंका को बल मिलता है कि बस सावंत ही चला रहे होंगे और उन्हीं की लापरवाही के चलते यह दुर्घटना हुई।