पुलिस कमिश्‍नर आर.के. पद्मनाभन गाड़ियों और कर्मचारियों की कमी से परेशान

बातचीत में छलका दर्ज
पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के पुलिस कमिश्‍नर आर.के. पद्मनाभन पुलिस आयुक्‍तालय में गाड़ियों और कर्मचारियों की उपलब्धता को लेकर खुश नहीं है. इसलिए उन्होंने पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्‍तालय को अमीर मनपा का गरीब पुलिस आयुक्‍तालय बताया है. पत्रकारों से बातचीत में सुविधाओं की कमी से जुझ रहे पुलिस आयुक्‍तालय को लेकर उन्होंने सोच बदलने की तरफ भी इशारा किया है.

पुलिस आयुक्‍त आर.के. पद्मनाभन ने मंगलवार को एक औपचारिक बातचीत में यह दुख बयां किया. पत्रकारों ने पुलिस कमिश्‍नर से पुलिस आयुक्‍तालय के संबंध में पूछा था. पुलिस कमिश्‍नर आर.के. पद्मनाभन ने बताया कि कर्मचारियों और गाड़ियों की स्थिति पहले जैसी थी उसके विपरीत पुलिस आयुक्‍तालय को दिए गए पुलिसकर्मी को अतिरिक्‍त बताकर उन्हें वापस बुला लिया है. हम खुद इसके लिए झगड़ा कर रहे हैं. चिखली पुलिस स्टेशन के उद्घाटन के अवसर पर एडीशनल पुलिस कमिश्‍नर मकरंद रानडे ने आयुक्‍तालय की स्थिति व मांगों का पूरा लेखा-जोखा दिया था. उस वक्‍त जल्द से जल्द सहयोग करने की मांग की गई थी. लेकिन यह मांग महज कार्यक्रम की खानापूर्ति बनकर रह गई. आज भी पुलिस आयुक्‍तालय को गाड़ियों और कर्मचारियों के लिए झगड़ा करना पड़ रहा है. पिंपरी-चिंचवड़ के पुलिस कमिश्‍नर ने कहा कि अब तक हमारे महाराष्ट्र के अलग-अलग जिले से 300 आवेदन आए हैं. मैं उन सभी को मंजूरी दे रहा हूं. गाड़ियों का इस्तेमाल हम जरूरत के हिसाब से करते हैं.

दिवाली आ गई लेकिन अभी तक पुलिस आयुक्‍तालय में जिन लोगों की सरल नियुक्‍ति हुई है उनका वेतन नहीं मिला है. डाक्यूमेंट्स उपलब्ध कराने का काम जारी है. पुणे आयुक्‍तालय से आए कर्मचारियों को वेतन मिल रहा है.
शहर में बढ़ते अपराध पर पुलिस कमिश्‍नर आर.के. पद्मनाभन ने कहा कि अपराध है लेकिन उसकी तुलना में उसे लेकर बरती जा रही लापरवाही ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण है. पुलिस आपके द्वार कार्यक्रम में एक पुलिसकर्मी घंटे क्षेत्र में घूमकर गश्त लगाते हैं. लोगों की शिकायतें लेते हैं और उसे हल करने का काम करते है. इसका परिणाम तीन महीने में सभी लोगों को दिखाई दे रहा है. पुलिस की गश्त तेज की गई है. केवल केस दर्ज ही नहीं किए जाते हैं उसके हल का भी प्रयास किया जा रहा है इसलिए अपराध कम हुए है. पुलिस को किसी तरह की परेशानी नहीं हो रही है. शिकायतों के निपटारे की वजह से नागरिकों विशेषकर विद्यार्थियों का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. यही उनकी सफलता है. शिकायत दर्ज कर उस पर कार्रवाई करना हमारा एजेंडा है.

पुलिस आयुक्‍तालय की दीवार खड़ी की गई है इसके बावजूद पुलिस आयुक्‍तालय को राजनीति का सामना करना पड़ रहा है. पुणे को उपनगर नहीं बल्कि पुणे से अलग मनपा व पुलिस आयुक्‍तालय के रूप में देखा जाएगा तभी समस्याओं का समाधान होगा.