केजरी कथा: उधर कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका, इधर अफसरों ने बोला हमला

नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच का टकराव अब सड़क पर आ गया है। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं से रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास की ओर मार्च निकाला, हालांकि पुलिस ने उन्हें संसद मार्ग पर ही रोक लिया। उधर, आईएएस एसोसिएशन ने कथित हड़ताल को लेकर मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए बयान का खंडन कार्य हुए साफ़ किया है कि अधिकारी हड़ताल पर नहीं हैं। एसोसिएशन ने रविवार शाम को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अफसर काम कर रहे हैं और यहां तक कि छुट्टियों के दिन भी काम कर रहे हैं। इतना ज़रूर है कि चीफ सेक्रटरी पर हमले के बाद से वह डरेहुए हैं। अफसरों ने कहा कि राजनीतिक कारणों से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। आईएएस एसोसिएशन की ओर से मनीषा सक्सेना ने कहा कि हमें राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। हमारा किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है।

क्या है मामला
दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एलजी हाउस पर अपने तीन मंत्रियों के साथ सात दिन से धरने पर बैठे हैं। एलजी ने अब तक उन्हें मिलने का वक़्त नहीं दिया है। इसी के मद्देनजर केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को एक पत्र भी लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि आईएएस अधिकारियों की हड़ताल के कारण कई सारे काम प्रभावित हो रहे हैं। चूंकि उपराज्यपाल हड़ताल खत्म कराने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं तो दिल्ली सरकार और दिल्ली के लोग आपसे हाथ जोड़कर अनुरोध करते हैं कि तुरंत हड़ताल समाप्त कराएं ताकि कामकाज फिर से शुरू हो सके।

तीन महीने से बैठक नहीं हुई
सीएम केजरीवाल का कहना है कि मानसून से पहली की तैयारियों के लिए अधिकारी बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं। हड़ताल के कारण नए मोहल्ला क्लीनिक और पॉली क्लीनिक खुलने का काम अटका हुआ है। प्रदूषण के मुद्दे पर हर 15 दिन में समीक्षा और योजना बैठक होती थी लेकिन हड़ताल के कारण पिछले तीन महीने से ऐसी कोई बैठक नहीं हुई।