नई दिल्ली। समाचार एजेंसी
रमजान के महीने में ऑपरेशन आल आउट बंद रखने के बाद सुरक्षा एजेंसियां दोहरी ताकत के साथ आतंकियों के सफाए में जुट गई है। मोदी सरकार ने रविवार को बड़ा फैसला लेते हुए स्पष्ट किया कि रमजान के दौरान जम्मू-कश्मीर में लागू सीजफायर को अब आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन आल आउट फिर से शुरू किया जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कहा है कि आतंकवादियों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को सभी जरूरी कदम उठाने की छूट है। वहीं सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने खुद को तैयार बताया है।
सरकार ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर में आतंक और हिंसा से मुक्त पर्यावरण बनाने का सरकार का प्रयास जारी रहेगा। वहीं सीअारपीएफ के अाईजी रविदीप शाही ने कहा कि हमें जो आदेश दिया जाएगा, उसे लागू करेंगे। हम सभी को बताना चाहते हैं कि सुरक्षा बल अलर्ट पर हैं। अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्वक तरीके से संचालित की जाएगी। रमजान के महीने में ऑपरेशन बंद रखने के बाद सुरक्षा एजेंसियां दोहरी ताकत के साथ आतंकियों के सफाए में जुट जाएंगी। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक महीने तक आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन बंद रहने के दौरान घाटी के सुरक्षा हालात की जानकारी दी।
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चर्चा-विमर्श के बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा ऐलान किया है।उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि सुरक्षा एजेंसियां नए सिरे से ऑपरेशन ऑलआउट शुरू करना चाहती हैं, अब उनसे हरी झंडी मिल गई है। रमजान के महीने में ऑपरेशन बंद करने से घाटी के आम लोगों में सही संदेश गया है। पिछले एक महीने में पत्थरबाजी की घटनाओं में आई कमी इसका सबूत है। पाकिस्तान की शह पर चंद लोग शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। ईद से ऐन पहले पत्रकार शुजात बुखारी और सैनिक औरंगजेब की हत्या ने सरकार को और सख्त कर दिया है। सिंह ने प्रधानमंत्री को सुरक्षा बलों की चिंता से भी अवगत कराया। सुरक्षा बल लंबे समय तक आतंकियों और उनके समर्थकों को तक खुली छूट नहीं दे सकते। अगले महीने शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा को देखते हुए यह खतरनाक हो सकता है। यही कारण है कि सुरक्षा बल आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑलआउट फिर शुरू करने के पक्ष में है।