बदहाल व्यवस्था, बेशर्म प्रशासन: जहां बेटे ने दम तोड़ा, वहीं रखा उसका पसंदीदा खाना

मुंबई | समाचार ऑनलाइन

मुंबई में मंगलवार को भी बारिश हो रही है। स्कूल आज भी बंद रखे गए हैं, सड़कों की स्थिति वैसी ही है जैसी कल थी यानी पानी से लबालब। इस बीच, मुंबई से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, ये तस्वीरें केवल मुंबई ही नहीं बल्कि संपूर्ण देश के उस सरकारी तंत्र के गाल पर तमाचा हैं जो कुम्भकर्णी नींद से जागना नहीं चाहता। हर साल सड़कों पर बने गड्ढे लोगों की जान लेते हैं और बारिश में जान गंवाने वालों की संख्या एक झटके में बढ़ जाती है। बावजूद इसके संबंधित अमला कोई ठोस कदम नहीं उठता। हादसों के बाद संवेदनाएं व्यक्त की जाती हैं, कुछ देर की सक्रियता दिखाई जाती है और फिर अगले हादसे का इंतजार शुरू कर दिया जाता है।

हाल ही में पांच साल के आरव अठावले और एक महिला को बीएमसी के नकारेपन के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी। आरव अपने पिता महेश के साथ बाइक पर जा रहा था। शिवाजी चौक और सहजानंद चौक, कल्याण के बीच गड्ढेवाली सड़क के चलते बाइक फिसल गई और वो पीछे से आ रहे ट्रक के नीचे आ गया। सोमवार को भारी बारिश में आरव के पिता महेश ने घटनास्थल पर अपने बेटे का पसंदीदा खाना दही-चावल रखा तो देखने वालों की आंखों में आंसू आ गए। अपने मासूम बेटे को खो चुके पिता कहते हैं कि अगर समय रहते कदम उठाए गए होते तो कम से कम उस जगह पर गई और जानों को बचाया जा सकता था।

और भी कई जान गईं
उसी जगह पर 6 जुलाई को केसी गांधी स्कील में काम करने वाली चपरासी मनीषा की मौत हो गई थी। इससे पहले जनवरी में एक 12 साल के लड़के की कल्याण में मौत हो गई थी। जून में गोरेगांव में मेट्रो साइट पर बने गड्ढे में भरे बारिश के पानी में डूबने से एक चार साल की बच्ची की मौत हो गई थी। ऐसे ही पिछले साल 29 अगस्त 2017 को हुई मूसलाधार बारिश में शहर के नामी डॉक्टर दीपक अमरापुरकर अपने घर से दूर खुले हुए मैनहोल में गिर गए थे, उनका शव वर्ली में मिला था।

इधर, मांगी पुलिस सुरक्षा
वहीं, बारिश में खस्ताहाल सड़कों से उत्पन्न हुए खतरे को देखते हुए 34 वर्षीय स्टॉक ब्रोकर चिराग हरिया ने अनोखा कदम उठाया है। उन्होंने डोंबिवली से कल्याण काम पर जाने के लिए पुलिस सुरक्षा मांगी है। हरिया का ऑफिस जाने का रास्ता वहीं से होकर गुजरता है जहां आरव और मनीषा की मौत हुई। उन्होंने महात्मा फुले स्टेशन से मांग की है कि उन्हें उस खतरनाक रास्ते को पार करने के लिए पुलिस सुरक्षा दी जाए।