सेना में व्यापक स्तर पर बदलाव की तैयारी

नई दिल्ली | समाचार ऑनलाइन 

भारतीय सेना को भविष्य की जरूरतों और चुनौतियों के हिसाब से तैयार करने की योजना पर काम चल रहा है। यदि यह योजना अमल में आती है, तो अगले साल तक 12 लाख जवानों वाली हमारी सेना एक नए रूप में सामने आ सकती है। दरअसल, भारतीय सेना को और ज्यादा चुस्त-दुरुस्त बनाने के मकसद से सेना के भीतर चार अलग-अलग टीमें अध्ययन कर रही हैं। इस अध्‍ययन रिपोर्ट पर अक्टूबर माह में चर्चा होगी। नवंबर अंत तक इसे सेना प्रमुख के समक्ष रखा जाएगा और आखिर में रक्षा मंत्रालय को भेजी जाएगी।[amazon_link asins=’B071HHZ59Y,B01N7RX8Z6′ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’acb58d5c-a46d-11e8-8fd1-f1c836dbff81′]माना जा रहा है कि इसके बाद कई ऐसे फैसले लागू हो सकते हैं, जिससे सेना के ढांचे में बड़ा बदलाव आएगा। सेना के अंदर निर्णय लेने में देरी से भी मुक्ति मिलेगी। मैनपावर की बर्बादी पर भी ध्‍यान रखा जा रहा है। बदलाव के तहत पाकिस्तान और चीन से लगती पश्चिमी और उत्तरी सीमा के लिए स्पेशल ऑपरेशंस फोर्स ब्रिगेड भी तैयार की जा सकती है।  यह भी देखा जा रहा है कि क्या सेना के अलग-अलग निदेशालयों को मर्ज किया जा सकता है। अभी सेना में कई ब्रांच और निदेशालय ऐसे हैं, जो लगभग एक जैसा ही काम करते हैं। सेना में सर्विस के नियमों पर भी मंथन चल रहा है। अभी तक नियम और शर्तों को लेकर आर्मी रेग्युलेशन-1987 माना जाता है। माना जा रहा है कि इस बदलाव के बाद पेंशन के लिए न्यूनतम सर्विस की सीमा भी बढ़ाई जा सकती है।