भोसरी अस्पताल के निजीकरण का पुरजोर विरोध शुरू

पिंपरी-संवाददाता: करोड़ों की लागत से भोसरी में नए से निर्मित 100 बेड्स की क्षमतावाले अस्पताल के निजीकरण की साजिश सामने आने के बाद इसका पुरजोर विरोध शुरू हो गया है। 750 बेड्स के वाईसीएम हॉस्पिटल जोकि न केवल पिंपरी चिंचवड बल्कि पुणे और आसपास के ग्रामीण इलाकों के गरीब मरीजों का अस्पताल कहा जाता है, चलाने वाले मनपा प्रशासन ने इस नए 100 बेड्स के अस्पताल को चलाने में असमर्थता दर्शाई है। विपक्ष के नेता दत्ता साने ने पर्याप्त मनुष्यबल के अभाव में पिंपरी चिंचवड मनपा भी निजी संस्था को चलाने देने की उपरोधिक मांग करते हुए मनपा आयुक्त और भाजपा के स्थानीय विधायक पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में साने ने कहा कि, वाईसीएम हॉस्पिटल में ह्रदयरोग विभाग का निजीकरण का नतीजा आज सभी भोग रहे हैं। इसके बाद भी खुद की बजाय निजी संस्था के माध्यम से भोसरी के नवनिर्मित अस्पताल को चलाने का फैसला किया जा रहा है। केवल मनुष्यबल अपर्याप्त है तो क्या कल मनपा का भी निजीकरण कर देंगे? भाजपा विधायक को निजीकरण की आड़ में अपनी नई दुकान चलानी है और मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर उसे सहमति देकर खुद भाजपा के ब्रांड एंबेसडर है, यह साबित करने में जुटे हैं। भोसरी अस्पताल के नवीनीकरण का फैसला राष्ट्रवादी कांग्रेस के कार्यकाल में किया गया और उसका भूमिपूजन भी पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के हाथों किया गया। डेढ़ साल की सत्ता में भाजपा ने केवल राष्ट्रवादी के कार्यकाल में हुए विकास कामों के उदघाटन किए, अपनी एक भी परियोजना भाजपा नहीं ला सकी है।
कमीशनखोरी के लिए लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न करने की हिदायत भी विपक्षी नेता साने ने दी है। गौरतलब हो कि, भोसरी में मनपा द्वारा एक एकड़ भूमि पर 100 बेड्स की क्षमता वाले तीन मंजिला अस्पताल का निर्माण किया है। इसमें 10 बेड्स का आईसीयू भी शामिल है। इस अस्पताल में ओपीडी के लिए 11 कमरे बनाए गए हैं। इसके संचालन के लिए सर्जन, मेडिसीन, आस्थिरोग विशेषज्ञ, प्लास्टिक सर्जन, युरो सर्जन, ऑण्को सर्जन, एंडोक्रायनोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजीस्ट, ऑण्कोलॉजिस्ट समेत कुल 35 पदों की भर्ती करनी होगी। विशेषज्ञ डॉक्टर मनपा की सेवा में आने के लिए तैयार नहीं होते, इसके चलते इस अस्पताल का संचालन मनपा के जरिए करना संभव नहीं है। यह बताकर मनपा प्रशासन ने इसे निजी तत्व पर चलाने देने की योजना बनाई है। इसके तहत भोसरी के नए अस्पताल का संचालन निजी संस्था या हॉस्पिटल के माध्यम से करने का फैसला किया गया है।