रेलमंत्री की हवाई उड़ानों पर 15 से 20 गुना ज्यादा खर्च

नई दिल्ली। समाचार ऑनलाइन
रेलवे मंत्रालय के कामकाज की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है कि रेल मंत्रालय बार-बार नियमों को तोड़कर केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को हवाई सफर के लिए चार्टर्ड प्लेन मुहैया करा रहा है, जिसका पैसा रेल मंत्रालय के खातों से चुकाया जा रहा है। परोक्ष रुप से इसका भार देश के करदाताओं के कंधों पर पड़ रहा है। गोयल ने सितंबर 2017 में केन्द्रीय रेल मंत्री के रुप में कार्यभार संभाला था। उसके बाद से पीयूष गोयल के हवाई सफर पर नियमानुसार खर्च से करीब 15-20 गुना ज्यादा खर्च हुआ है। ‘जनसत्ता’ ने एक न्यूज पोर्टल के हवाले से एक खबर में इसका खुलासा किया है। [amazon_link asins=’B0785JJF7L’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’b2ba69c9-9c83-11e8-941a-8dba2c5d2256′]
रेलवे के नियमों के अनुसार, रेलवे एक चार्टर्ड प्लेन या हेलीकॉप्टर सिर्फ रेलवे दुर्घटना की स्थिति में ही इस्तेमाल कर सकता है। एक मंत्री अपने अधिकारिक दौरे के लिए चार्टर्ड प्लेन का इस्तेमाल नहीं कर सकता, जब तक यह दौरा किसी रेलवे दुर्घटना स्थल का ना हो। वहीं सरकारी नियमों के मुताबिक भी सभी मंत्री हवाई सफर के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट्स का इस्तेमाल करेंगे। किसी एमरजेंसी की स्थिति में प्राइवेट एयरलाइंस के विमान की भी सेवाएं ली जा सकती हैं। लेकिन रेलवे केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और उनके दो जूनियर मंत्रियों के लिए अधिकांशतः एयर इंडिया के बजाए निजी एयरलाइंस की ही सेवाएं लेता है। इतना ही नहीं न्यूज लॉन्ड्री डॉट कॉम की खबर के अनुसार, रेलवे मंत्रालय एक यात्रा के लिए कई बार 2-3 टिकट भी ले लेता है, ताकि रेल मंत्री की फ्लाइट मिस ना हो सके।
सितंबर 2017 को रेल मंत्री का पद संभालने के बाद पीयूष गोयल ने रेलवे के अधिकारियों से मांग की थी कि उनकी दिल्ली से सूरत और बाद में मुंबई की यात्रा के लिए एक चार्टर्ड प्लेन बुक करवाया जाए। इस पर एडिशनल जनरल मैनेजर, उत्तर रेलवे मंजू गुप्ता ने रेलवे बोर्ड को एक पत्र लिखकर इस पर आपत्ति जतायी थी। इसके बाद रेलवे बोर्ड ने चार्टर्ड प्लेन बुक करने की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी को सौंप दी थी। न्यूज लॉन्ड्री के अनुसार, पीयूष गोयल की अंतिम तीन यात्राओँ के लिए चार्टर्ड प्लेन की बुकिंग आईआसीटीसी द्वारा ही की गई है। फरवरी 9-11, 2018 को रेलमंत्री की दिल्ली से बेलगाम की 3 दिवसीय यात्रा पर करीब 13 लाख रुपए का खर्च आया था। इसके बाद 2 अप्रैल को रेलमंत्री की शनि शिंगनापुर-शिरडी-तुलापुर की यात्रा पर करीब 25.50 लाख रुपए का खर्च आया था। इसी तरह रेलमंत्री की यात्राओँ की फेहरिस्त लंबी है।