राजस्थान: मजदूर माता-पिता का बेटा बनेगा गांव का पहला डॉक्टर

जयपुर। समाचार ऑनलाइन
राजस्थान के टोंक जिले के पिपलू गांव में रहने वाले मजदूर माता-पिता के बड़े बेटे हेमन्त पर आज उसके परिवार के साथ-साथ पूरा गांव गर्व कर रहा है। हेमन्त के माता-पिता नरेगा मजदूर हैं और अब उनका बेटा गांव का पहला डॉक्टर बनेगा। पिता ताराचंद स्वामी और मां मनराज देवी अपने चार बच्चों के साथ बहुत तंगी के हालात में जीवन काट रहे थे। पिता ताराचंद स्वामी नरेगा में काम न होने पर दूसरे लोगों के खेतों में काम करते हैं। मां भी खेतों में मजदूरी के अलावा निराई-गुड़ाई का काम करती है।
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ताराचंद ने बताया कि हेमंत शुरु से पढ़ाई में होशियार था। वह गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाई कर रहा था। लेकिन 9वीं कक्षा के अंको के आधार पर हेमन्त को राजकीय आवासीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में दाखिला मिल गया। हेमंत ने 12वीं में 81.20 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। उसके बाद वह नीट की परिक्षा की तैयारी के लिए कोटा गया। जहां हेमंत ने दो साल एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट कोटा में नीट की तैयारी के लिए दाखिला लिया।

नीट की परिक्षा में हेमंत ने 16742 कॉमन रैंक तथा एससी कैटेगरी में 270वीं रैंक प्राप्त की। जिसके बाद हेमन्त को जयपुर के राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (आरयूएचएस) मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला मिल गया। हेमंत की इस सफलता से उसके माता- पिता बेहद खुश हैं। साथ हेमंत के डॉक्टर बनने की खबर से  पूरे गांव में खुशी का माहौल है। बता दें कि डाक्टर बनने वाला हेमन्त गांव का पहला छात्र होगा। हेमंत का कहना है कि वह एमबीबीएस करने के बाद सर्जरी में पीजी करना चाहता है। पढ़ाई पूरी करने के बाद हेमंत अपने गांव में क्लिनिक खोलकर ग्रामीणों की सेवा करना चाहता है। हेमंत के तीन भाई-बहन और है। छोटी बहन 11वीं में जबकि दोनों छोटे भाई 7वीं और 6वीं क्लास में पढ़ाई करते हैं।