अकेले रविन्द्र मराठे ही नहीं है ‘दागी’; इन बैंकर्स तक भी पहुंच चुके हैं जांच एजेंसियों के हाथ

पुणे। पुणे समाचार ऑनलाइन

निवेशकों के साथ धोखाधड़ी मामले में डीएसके ग्रुप की फर्जी कंपनियों को कर्ज देने के आरोप में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक रविंद्र मराठे को गिरफ्तार किया गया है। पुणे पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बीते दिन उनके साथ बैंक के चार अधिकारियों के समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है। तबीयत बिगड़ने से मराठे को गुरुवार के तड़के ससून अस्पताल में भर्ती कराया गया। बहरहाल बैंकिंग क्षेत्र में अकेले मराठे ही ‘दागी’ नहीं है, उनके अलावा देश के कई बड़े बैंकों के उच्चाधिकारियों तक जांच एजेंसियों के हाथ पहुंच चुके हैं। ‘दागी’ बैंकर्स पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है, इससे लोगों का बैंकों पर से भरोसा उठता चला जा रहा है।

पुणे पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने अपनी जांच में पाया है कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सीएमडी रविंद्र मराठे समेत बैंक के कई अधिकारियों ने दिवालिया हो चुके पुणे के मशहूर बिल्डर डीएस कुलकर्णी को लोन दिलाने में मदद की। बैंक अधिकारियों को उनके दिवालिए होने की जानकारी थी। इसके साथ ही डीएसके ग्रुप की ऐसी कंपनियां जो कागजों तक ही सीमित रही, को लोन दिलाने में इन अधिकारियों ने अहम भूमिका निभाई। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सीएमडी रविंद्र मराठे के साथ ही आर्थिक अपराध शाखा ने बीते दिन बैंक के कार्यकारी निदेशक राजेन्द्र गुप्ता, पूर्व सीएमडी सुशील मुत्थूट, जोनल मैनेजर नित्यानंद देशपांडे, डीएसके के सीए सुनील घाटपाण्डे, डीएसके के इंजीनियरिंग विभाग के उपाध्यक्ष राजीव नेवास्कर को गिरफ्तार कर लिया।

कौन- कौन है ‘दागी’ बैंकर्स

बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अलावा देश की जिन अन्य बड़ी बैंकों के ‘दागी’ अधिकारियों तक जांच एजेंसियों के हाथ पहुंच चुके हैं, उनमें केनरा बैंक के सीएमडी आर के दुबे भी शामिल हैं। सीबीआई ने मार्च महीने में केेनरा बैंक के सीएमडी आरके दुबे के खिलाफ कथित 68 करोड़ लोन डिफॉल्ट के आरोप में आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का मामला दर्ज किया है। दुबे ने यह लोन 2013 में मंजूर किया था। इस मामले में बैंक के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार गुप्ता और वीएस कृष्ण कुमार पर भी मामला दर्ज किया गया। आईडीबीआई बैंक के चेयरमैन योगेश अग्रवाल व अन्य चार अधिकारियों को बीते साल जनवरी में वि‍जय माल्‍या लोन डि‍फॉल्‍ट मामले में सीबीआई ने गि‍रफ्तार कि‍या था। इस मामले में डि‍प्‍टी एमडी बीके बत्रा और बैंक की क्रेडिट कमिटी के पूर्व सदस्य बीके बत्रा, ओवी बुंदेलु और एसकेवी श्रीनिवासन और तत्कालीन जनरल मैनेजर आरएस श्रीधर भी गि‍रफ्तार अधिकारियों में शामिल हैं।

कई ‘दागियों’ के खिलाफ चार्जशीट

पंजाब नेशनल बैंक की पूर्व सीईओ ऊषा अनंतसुब्रमण्यन का नाम गत माह सीबीआई ने नि‍रव मोदी कर्ज मामले में की चार्जशीट में शामिल किया था। इसमें दो एक्‍जि‍क्‍युटि‍व डायरेक्‍टर्स केवी ब्रह्माजी राव और संजीव शरण के भी नाम शामिल हैं। यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडि‍या की सीएमडी अर्चना भार्गव को सीबीआई ने आय के ज्ञात साधनों से 3.6 करोड़ रुपए मूल्य की ज्यादा संपत्ति जुटाने के आरोप में मार्च महीने में मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने अप्रैल में यूको बैंक के पूर्व चेयरमैन अरुण कौल के खिलाफ इरा इंजीनियरिंग इन्फ्रा इंडिया को दिए गए कर्जों में 621 करोड़ रुपये के लोन फ्रॉड के आरोप में मामला दर्ज किया था। आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर को वीडियोकॉन लोन मामले में आंतरिक जांच पूरी होने तक सख्ती की छुट्टी पर भेज दि‍या गया है। आईडीबीआई बैंक के किशोर खरात, मेलविन रेगो और एमएस राघवन के खिलाफ 600 करोड़ रुपए के एयरसेल लोन डिफॉल्ट केस में सीबीआई ने अप्रैल में चार्जशीट दायर की थी। ये उन 15 मौजूदा एवं पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों में शामिल हैं, जिनके नाम चार्जशीट में दर्ज हैं।