अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए RBI ले सकती है ‘यह’ बड़ा फैसला, आज से बैठक शुरू

नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन-. मोदी सरकार को अपने दूसरे कार्यकाल के बाद से ही बहुत अधिक आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले पांच वर्षों के दौरान आर्थिक वृद्धि में लगातार गिरावट आ रही है| विनिर्माण गतिविधियों में गिरावट के कारण आर्थिक वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है. यह आर्थिक वृद्धि का 6 साल से अधिक का न्यूनतम आंकड़ा है| देश की कई इण्डस्ट्रीज भारी घाटे का सामना कर रही है. वहीं दूसरी ओर गरीबी और महंगाई दिनोंदिन अपने पैर पसार रही है. ऐसे में भारत की अर्थव्यवस्था पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि, क्या भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया में सबसे तेज़ गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था कहना सही है?

इन सब बातों को मद्देनजर रखते हुए देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए RBI नीतिगत दर (Policy Rates) में लगातार छठवीं बार कटौती कर सकता है. RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आज (2 दिसंबर) शुरू होने जा रही है, जिसमें बदहाल होती अर्थव्यवस्था को संभालने संबंधी अहम निर्णय लिए जा सकते हैं.

क्यों नीतिगत दरों में कटौती संभव

कुछुआ चाल चल रही हमारे देश की इकॉनमी को गति देने और वित्तीय प्रणाली में धन उपलब्धता की स्थिति को बढ़ाने के लिए नीतिगत दर में कुल मिलाकर 1.35 प्रतिशत की कमी की गई है. इस समय रेपो दर 5.15 %है.

हालाँकि चर्चा है कि RBI के इस फैसले से आपके लोन की EMI कम हो सकती है. साथ ही जब तक आर्थिक वृद्धि में सुधार नहीं होता तब तक ब्याज दरों में कटौती संभव है.

3 दिसंबर से शुरू होगी बैठक

संभावना है कि इस बैठक में मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर घटाई जा सकती है. आईएचएस मार्किट के मुख्य अर्थशास्त्री (एशिया प्रशांत) राजीव विश्वास के मुताबिक, RBI ने अक्टूबर में दरों में कटौती के साथ मौद्रिक नीति को उदार बनाये रखने का निर्णय लिया था. इस लिए आर्थिक व्यवस्था में सुस्ती के कारण नीतिगत दर में कटौती की जा सकती है.

अभी और 4 फीसदी के स्तर तक गिर सकती है GDP दर

यह बेहद गंभीर विषय है कि अभी GDP के और गिरने के आसार है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के मुख्य अर्थशास्त्री निखिल गुप्ता ने भी कहा है कि, ‘बीते महीने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में अच्छी बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली. त्योहार का सीजन होने के बावजूद प्रमुख सूचकांकों में अक्टूबर में गिरावट बनी रही. इसलिए आशंका है कि, आर्थिक वृद्धि दर तीसरी तिमाही में घटकर 4 प्रतिशत के लगभग आ सकती है.’

visit : punesamachar.com