सरकार ने देश में शुरू किया ड्रोन का पंजीकरण

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – सरकार ने देश में ड्रोन के नागरिक इस्तेमाल के लिए उनका पंजीकरण आज से शुरू हो गया, हालाँकि सामानों की डिलिवरी के लिए इसके इस्तेमाल की अभी अनुमति नहीं होगी।

पिछले महीने ही नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने ड्रोन विमान उड़ाने के लिए कड़े और सख्त नियम बनाए थे। इन नियमों के जरिए रीमोटली पायलेटिड एयरक्राफ्ट सिस्टम (आरपीएएस) पर नजर कड़ी रखी जाएगी। वहीं 250 ग्राम से ज्यादा ड्रोन चलाने वाले लोगों को लाइसेंस लेना पड़ेगा। हम इसके बारे में आज आपको महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।

250 ग्राम से कम वजन वाले ड्रोन का पंजीकरण नहीं करवाया जाएगा। लेकिन इन्हें चलाने वालों को पहले पुलिस से इजाजत लेनी होगी और किसी शख्स की निजता का हनन नहीं करना होगा। जिन ड्रोन्स का वजन 250 ग्राम से ज्यादा है उन्हें पंजीकरण करवाना होगा। यूजर्स को पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरा करना होगा और उन्हें एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूआईएन) दिया जाएगा। 1 जनवरी से वह आरपीएएस चला सकते हैं।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म अपनी तरह का पहला ऐसा राष्ट्रीय अनमैन्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट (यूटीएम) पोर्टल होगा जो ‘अनुमति नहीं’, ‘कोई टेक-ऑफ नहीं नीति’ को लागू करेगा। उपयोगकर्ता को एक बार ड्रोन, पायलट और मालिक का पंजीकरण करवाना होगा। हर उड़ान (नैनो ड्रोन को छोड़कर) के लिए यूजर को एक मोबाइल ऐप के जरिए उड़ान भरने की अनुमति लेनी होगी। यह एक ऑटोमैटिक प्रक्रिया है जो तुरंत इजाजत देने के साथ ही इंकार भी कर सकता है।

यूटीएम एयरस्पेस में ट्रैफिक रेग्युलेटर के तौर पर काम करेगा जो रक्षा और सिविलियन यर ट्रैफिक कंट्रोलर के साथ मिलकर करीब से काम करेगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ड्रोन अपने अनुमोदित उड़ान पथ पर ही चले। यदि किसी को नियंत्रित एयरस्पेस में ड्रोन उड़ाना है तो उसे पहले एयर डिफेंस क्लीयरेंस/ फ्लाइट इंफॉर्मेशन सेंटर से इजाजत लेना आवश्यक होगा।

विनियमन में नो ड्रोन जोन को परिभाषित किया गया है। इसमें एयरपोर्ट के आस-पास, अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक, दिल्ली के विजय चौक, राज्य राजधानियों के राज्य सचिवालय परिसरों, रणनीतिक स्थानों और महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों के पास उड़ाने की इजाजत नहीं है। यदि कोई प्रतिबंधित क्षेत्र में ड्रोन उड़ाता हुआ पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। प्रत्यारोपण के लिए ड्रोन के जरिए मानव अंगो के परिवहन की योजना बना रही है।