रिलायंस का जिओ इंस्टीट्यूट दिखाओ 11 लाख का इनाम पाओ

मुंबई। समाचार एजेंसी

केंद्र की भाजपा सरकार की अंबानी के रिलायंस ग्रुप पर एक और मेहरबानी चर्चा और विवाद का सबब बन गई है। सरकार ने रिलायंस फाउंडेशन का जियो इंस्टीट्यूट, जो अभी शुरू भी नहीं हुआ है, को इंस्टीट्यूशन्स ऑफ इमिनेंस का दर्जा दिया। इस पर जहां सोशल मीडिया में खूब खिल्ली उड़ाई जा रही है, वहीं इस इंस्टीट्यूट को गायब बताकर इसे खोज निकालनेवाले को 11 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई है।

11 लाख रुपए के इनाम की घोषणा महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना के पुणे शहराध्यक्ष कल्पेश यादव ने की है। सोशल मीडिया पर की गई अपील में उन्होंने कहा है कि, अंबानी का जिओ इंस्टीट्यूट खो गया है। इंस्टीट्यूशन्स ऑफ इमिनेंस का दर्जा प्राप्त रिलायंस फ़ाऊंडेशन की जिओ इंस्टीट्यूट को खोज निकालने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा। यह इंस्टीट्यूट न मिलने पर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर इस्तीफा दें और सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी को इंस्टीट्यूशन्स ऑफ इमिनेंस का दर्जा प्राप्त इंस्टीट्यूट में शामिल करने की मांग भी यादव ने की है।

यही नहीं उन्होंने इस मांग को लेकर जावडेकर के विरोध में आंदोलन की चेतावनी भी दी है। गौरतलब हो कि, केंद्र सरकार ने हालिया तीन सार्वजनिक और तीन निजी विश्वविद्यालयों को इंस्टीट्यूशन्स ऑफ इमिनेंस का दर्जा दिया। इसमें दो आइआइटी के साथ रिलायंस फाउंडेशन का जियो इंस्टीट्यूट भी शामिल है, जो कि अभी लांच भी नहीं हुआ है। जियो के साथ इस सूची में जगह बनाने वाले अन्य संस्थानों में बिट्स पिलानी, मनीपाल एकेडमी ऑफ हायर एजूकेशन, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु और आइआइटी मुंबई तथा दिल्ली शामिल हैं। ट्वीटर पर इस फैसले की जानकारी देते ही केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और जियो सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगा। तमाम लोगों ने मंत्री जावड़ेकर को टैग कर पूछना शुरू किया कि जियो इंस्टीट्यूट आखिर हैं किस जगह पर?