गणतंत्र दिवस भारत के गौरवशाली अतीत को याद करने का अवसर : छग मुख्यमंत्री

रायपुर (आईएएनएस/वीएनएस) : समाचार ऑनलाईन – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 70वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर शनिवार को रायपुर में हुए मुख्य समारोह में ध्वजारोहरण किया। इस अवसर पर उन्होंने छत्तीसगढ़वासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा, “यह अवसर भारत के गौरवशाली अतीत को याद करने का है, जिसके दो महान अध्याय हैं, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस। भारत को आजादी दिलाने के लिए अनगिनत लोगों ने जान की बाजी लगाई थी। भारत का संविधान बनाने में भी अनेक महान विभूतियों का अथक योगदान दर्ज है। देश के सात दशकों के सफर को दिशा देने वाली विभूतियों तथा तन-मन-धन से योगदान देने वाले जन-जन को नमन है।”

बघेल ने कहा, “भारत की आजादी की लड़ाई की पहली मशाल जलाने में छत्तीसगढ़ के वीरों का योगदान भी दर्ज है। शहीद गैंद सिंह, वीर गुंडाधूर, शहीद वीर नारायण सिंह ने जो अलख जगाई थी, उससे छत्तीसगढ़ का कोना-कोना और जन-जन स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ गया था। भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेड़कर के नेतृत्व में जब देशभर के सामाजिक और विधिवेत्ता एकजुट हुए थे, तो उनमें हमारे छत्तीसगढ़ की विभूतियों ने भी संविधान सभा के सदस्य के रूप में अपनी अमूल्य सेवाएं दी थीं।”

उन्होंने कहा कि वर्तमान और भावी पीढ़ियां अपनी विरासत से जुड़ाव रखते हुए संविधान निमार्ताओं के सपनों को पूरा करने में अपना योगदान दर्ज करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे संविधान की प्रस्तावना हम भारत के लोग से शुरू होती है जो गणतंत्र में प्रत्येक नागरिक की महत्ता दर्शाती है। हमारी सरकार प्रत्येक नागरिक के स्वाभिमान और उसकी गरिमा के लिए हर संभव उपाय करने के लिए कटिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा, “ऐसा कहा जाता है कि न्याय दिलाने में देरी अपने आप में एक अन्याय है। प्रदेश के जनमानस में अनेक प्रसंगों को लेकर बेचैनी थी और उनकी न्याय पाने की उम्मीद धूमिल हो चली थी। हमने झीरम घाटी की दुखदायी घटना से पीड़ित परिवारों को शीघ्र न्याय दिलाने की दिशा में मजबूत कदम उठाते हुए एसआईटी जांच की घोषणा की है। इसके अलावा हमने नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले की एसआईटी जांच की घोषणा की है।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “खनिज धारित क्षेत्रों में खनन से प्रभावित होने वाले पर्यावरण तथा जनता के हितों की रक्षा के लिए जिला खनिज संस्थान न्यास निधि (डीएमएफ) का गठन किया गया था। इस निधि में नवंबर 2018 तक 3 हजार 336 करोड़ रुपए का अंशदान प्राप्त हुआ था और 2 हजार 400 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई। वास्तव में यह राशि एक तरह से खनन प्रभावित आबादी को हुई क्षति की भरपाई के लिए थी, लेकिन इसका उपयोग काफी गैर जिम्मेदारी से किया गया। इसलिए हमने इस पूरे मामले की समीक्षा का निर्णय लिया है और अनावश्यक निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है ताकि जनता का पैसा जनहित में इस्तेमाल किया जा सके।”

उन्होंने कहा कि हमने वायदा किया था कि चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही करेंगे तथा ऐसे निर्दोष स्थानीय युवाओं के खिलाफ दर्ज प्रकरण वापस लेंगे जो अभिकर्ता के रूप में इन कंपनियों से जुड़े थे। अगले एक माह में यह कार्यवाही पूरी कर ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा, “सशक्त और स्वस्थ लोकतंत्र के चार प्रमुख आधार माने गए हैं-विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका और पत्रकारिता (मीडिया)। हमारा संकल्प है कि इन चारों आधारों को मजबूत करेंगे और सबको अपनी निर्धारित जिम्मेदारी के निर्वाह के लिए आवश्यक वातावरण, संसाधन तथा सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। विगत कुछ वर्षों में प्रदेश में अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरा बहुत बढ़ा है। मेरा मानना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र की पहली शर्त है इसलिए हमने स्वतंत्र प्रेस के समर्थन में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी है।”