रूबी हॉल क्लीनिक फिर मुश्किल में, गैरज़रूरी टेस्ट करवाने का आरोप 

पुणे | समाचार ऑनलाइन
 
– कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
‘रूबी हॉल क्लीनिक’ हॉस्पिटल एक बाद फिर विवादों में है। इस बार हॉस्पिटल पर लंबा-चौड़ा बिल बनाने के लिए गैरज़रूरी टेस्ट करवाने के आरोप लगे हैं। कैंटोनमेंट कोर्ट ने सज्ञान लेते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं। एक दंपति ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके नवजात बच्चे के गैरज़रूरी टेस्ट करवाकर एक लाख 80 हजार रुपए का बिल थमा दिया गया। इतना ही नहीं जब इस संबंध में अस्पताल से सवाल-जवाब किये गए, तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया।
 सुप्रीम कोर्ट के वकील आशुतोष श्रीवास्तव ने पत्रकार वार्ता में बताया कि जुझार कोथवाल ने अपनी पत्नी प्रीतम को डिलीवरी के लिए रूबी हॉल क्लीनिक भर्ती कराया था। सिजेरियन के जरिये उन्हें एक बेटी हुई। डॉक्टरों ने पहले बीसीजी और हेपेटाइटिस-बी टीकाकरण के नाम पर बच्चे को एनआईसीयू में रखा। फिर उसका एमआरआई करने की बात कही गई। नवजात का एमआरआई करवाना, उसके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। श्रीवास्तव के मुताबिक, कानूनन बच्चे को एनआईसीयू में उसी सूरत में रखा जा सकता है जब इसके लिए पैरेंट्स से अनुमित ली गई हो और पैरेंट्स भी वहां मौजूद रहें, लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ नहीं किया गया। कोर्ट ने सज्ञान लेते हुए अस्पताल प्रशासन और 10 डॉक्टरों को अदालत में पेश होने के निर्देश दिए हैं। जल्द ही इस मामले में कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है।
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क्या कहना है अस्पताल का?

वहीं, रूबी हॉल प्रशासन का कहना है कि जुझार कोथवाल की पत्नी ने 19 जुलाई 2017 को बच्ची को जन्म दिया था और 22 जुलाई को बच्ची की तबीयत बिगड़ गई थी। इसी वजह से उसे एनआईसीयू में भर्ती किया गया था। लेकिन जुझार कोथवाल कुछ लोगों को बुलाकर हमारे स्टाफ के साथ लड़ाई करने लगे, जिसके बाद हमें पुलिस बुलानी पड़ी। हमने उन्हें यह विकल्प दिया था कि वो बच्चे को किसी दूसरे डॉक्टर या अस्पताल में दिखा सकते हैं।  डॉक्टर रामजी गिरी ने भी हमारी रिपोर्ट से सहमति दर्शाते हुए उन्हें बताया था कि बच्चे की तबीयत ख़राब है। इसके बाद कोथवाल ने रूबी हॉल, वानवडी में ही बच्चे का इलाज जारी रखा। हमने बिल में 50 हजार रुपए का डिस्काउंट भी दिया है। कोथवाल डॉ. वैभव मेश्राम और डॉ. जेनिथा गिलब्रिट को टर्मिनेट करने की मांग कर रहे थे, लेकिन दोनों डॉक्टर पहले ही रूबी हॉल क्लीनिक छोड़ चुके हैं।