सरोगेसी के नाम पर रूबी हॉल क्लीनिक ने की एनआरआई से धोखाधड़ी!  

पुणे समाचार: गुणवंती परस्ते
पुणे का रूबी हॉल क्लीनिक एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। इस बार उस पर सरोगेसी के जरिए बच्चा दिलाने के नाम पर प्रवासी भारतीय (एनआरआई) से लाखों की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। एनआरआई का यह तक कहना है कि जब उसने पैसे वापस मांगे तो अस्पताल के डॉक्टर ने उसके साथ गाली-गालौज की और उसे धमकी भी दी गई। पीड़ित ने इस संबंध शिवाजीनगर कोर्ट से गुहार लगाई है, अदालत ने अस्पताल के खिलाफ प्राथमिक जांच के आदेश हैं।

लंदन निवासी 50 वर्षीय एनआरआई का कई साल पहले अपनी पत्नी से तलाक हो चुका है। लिहाजा उसने सेरोगसी के जरिए बच्चा पाने के लिए रूबी क्लीनिक से संपर्क किया था। साथ ही उसने पुणे में रहने वाली अपनी बहन से प्रक्रिया के बारे में जानकारी हासिल करने को भी कहा था। इसके बाद वह खुद पुणे आया और मेडिकल टेस्ट के साथ-साथ कागज़ी कार्रवाई पूरी की। पीड़ित द्वारा प्रदान किये गए कागजातों को सत्यापित करने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि कुल खर्चा 6 लाख आएगा और एडवांस के तौर पर 2 लाख 50 हजार रुपए भरने होंगे। सेरोगसी के लिए मुंबई से एक महिला को भी बुलाया गया, उसका पूरा मेडिकल खर्च शिकायतकर्ता से भरने को कहा गया, जिसके लिए वह राजी भी हो गया।

कानूनी कारणों का हवाला
सेरोगसी से संबंधित सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद जब काफी दिनों तक हॉस्पिटल से कोई कॉल नहीं आया, तो शिकायतकर्ता ने पूछताछ की। इसपर अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि क़ानूनी कारणों के चलते वह बच्चा उपलब्ध नहीं करा सकते। जब शिकायतकर्ता ने एडवांस स्वरूप दी गई रकम वापस मांगी, तो अस्पताल ने इंकार कर दिया। इतना ही नहीं पीड़ित की बहन के साथ डॉक्टर ने बदतमीजी की और धमकी भरे एसएमएस भेजे। इसके बाद शिकायतकर्ता ने रूबी हॉल क्लीनिक के खिलाफ शिवाजीनगर सत्र न्यायालय में याचिका दाखिल की।

मानसिक और आर्थिक परेशानी
शिकायतकर्ता का केस लड़ रहे सुप्रीम कोर्ट के वकील आशुतोष श्रीवास्तव ने बताया कि कानूनी रूप से ज़रूरी सभी कागजात शिकायतकर्ता ने हॉस्पिटल को उपलब्ध कराए थे और एडवास के तौर पर उनसे 2 लाख 50 हजार रुपए भी लिए गए थे। कुछ दिनों बाद अचानक उन्हें यह कह दिया गया कि आप सेरोगसी प्रक्रिया की कानूनी शर्तों को पूरा नहीं करते हैं। उन्हें पैसे भी वापस नहीं किये गए। अस्पताल के रवैये से शिकायतकर्ता को मानसिक और आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा है, ये सीधे तौर पर धोखाधड़ी। कोर्ट ने इस मामले में प्राथमिक जांच के आदेश दिए हैं। श्रीवास्तव ने बताया कि इस संबंध में पहले पुणे पुलिस कमिश्नर को आवेदन दिया गया था, उसके बाद कोर्ट केस किया गया।

हमें नोटिस नहीं मिला
इस संबंध में रूबी हॉल क्लीनिक हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर संजय पठारे ने कहा कि हमें अब तक कोर्ट का नोटिस नहीं मिला है। यदि नोटिस मिलता है, तो हम अपना भी पक्ष रखेंगे। .