निर्दलीयों के गुटनेता की गैरमौजूदगी पर आम सभा में जोरदार हंगामा

पिंपरी। आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जानेवाली स्थायी समिति में नए सदस्यों की नियुक्तियां गुरुवार को पिंपरी चिंचवड़ मनपा की आम सभा में घोषित की गई। इन नियुक्तियों के दौरान निर्दलीय नगरसेवकों के मोर्चे के गुटनेता की गैरमौजूदगी में बतौर स्थायी समिति सदस्य नियुक्त की गई सदस्या द्वारा खुद अपनी नियुक्ति का लिफाफा दिया गया। इस पर से सभागृह में जोरदार हंगामा हुआ। इस हंगामे के दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों ने महापौर के आसन के सामने का राजदंड छीनने की कोशिश की। इस पर से हंगामा और बढ़ गया और बात एकदूसरे पर दौड़े जाने एवं धक्कामुक्की करने तक पहुंच गई। इसी हंगामे में नियुक्तियों की घोषणा करते हुए आज की सर्वसाधारण सभा स्थगित कर दी गई।
महापौर ऊषा उर्फ माई ढोरे की अध्यक्षता में हुई इस आम सभा में स्थायी समिति की 16 में से रिक्त होनेवाली आठ सीटों पर भाजपा के नितीन लांडगे, रवि लांडगे, सुरेश भोईर, शत्रुघ्न काटे, राष्ट्रवादी काँग्रेस के प्रवीण भालेकर, राजू बनसोडे, शिवसेना की मीनल यादव और निर्दलीय मोर्चे की नीता पाडाले की नियुक्ति की गई। निर्दलीय मोर्चा के गुटनेता कैलाश बारणे इस सभा में गैरमौजूद रहे। उनकी बजाय खुद नीता पाड़ाले ने अपनी नियुक्ति संबंधित बारणे का पत्र महापौर को सौंपा। इस पर शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे और नवनाथ जगताप ने कड़ी आपत्ति जताई। नगरसचिव उल्हास जगताप ने नियमों की जानकारी देते हुए गुटनेता की गैरमौजूदगी में की जानेवाली नियुक्ति का अधिकार सर्वसाधारण सभा के पास रहने की बात कही। हालांकि उनके स्पष्टीकरण से विपक्षी दलों का समाधान नहीं हुआ।
यहीं से शुरू हुए हंगामे के बीच महापौर ऊषा ढोरे और सभागृह नेता नामदेव ढाके समेत भाजपा नगरसेवक निर्दलीय मोर्चा की ओर से नीता पाड़ाले की नियुक्ति की घोषणा करने की कोशिश करने लगे। इस पर आक्रामक रुख अपनाते हुए शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस समेत विपक्षी नगरसेवक महापौर के आसन के समक्ष पहुंच गए और राजदंड छीनने की कोशिश करने लगे। इस छीना झपटी के दौरान भाजपा के शत्रुघ्न काटे का शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे व निर्दलीय नगरसेवक नवनाथ जगताप के साथ विवाद शुरू हो गया। देखते ही देखते बात बढ़ गई और नौबत धक्कामुक्की एवं एकदूसरे पर दौड़े जाने तक पहुंच गई। वरिष्ठ नगरसेवक शाम लांडे, नाना काटे, सीमा सावले आदि समेत अन्य नगरसेवकों द्वारा बीचबचाव किया। इसी हंगामे के बीच महापौर ने नीता पाड़ाले के नाम की घोषणा के बिना ही सभा सोमवार तक स्थगित रखने की घोषणा की।