ग्रामविकास मंत्री पंकजा मुंडे ने दी अपने भाई को पटखनी

विधानपरिषद चुनाव में भाजपा के सुरेश धस जीते; राष्ट्रवादी की करारी हार

बीड़। पुणे समाचार ऑनलाइन

तमाम सियासी ड्रामे के चलते विवादों में घिरे उस्मानाबाद- लातूर-बीड विधानपरिषद चुनाव में भाजपा के सुरेश धस ने बाजी मार ली है। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रवादी कांग्रेस समर्थित अशोक जगदाले को 74 वोटों से हराया है। इस नतीजे से विधानपरिषद में विपक्षी दल के नेता धनंजय मुंडे को जोरदार झटका लगा है, उन्हें उनकी बहन और महाराष्ट्र की महिला व ग्रामविकास मंत्री पंकजा मुंडे ने पटखनी दी है।

इस चुनाव के दौरान कई सियासी ड्रामे हुए। राष्ट्रवादी ने भाजपा के मंगेश कराड को अपने मे शामिल कर उन्हें प्रत्याशी घोषित किया। इसके जवाब में भाजपा ने राष्ट्रवादी के पूर्व विधायक सुरेश धस को अपना प्रत्याशी बनाया। मुंडे भाई-बहन के इन सियासी दांवपेंच के बीच अचानक से कराड ने अपना नामांकन वापस लेकर सभी को चौंका दिया। यह धनजंय मुंडे के लिए दूसरा झटका साबित हुआ। कराड के नामांकन वापस लेने के बाद राष्ट्रवादी के पास आधिकारिक प्रत्याशी नहीं रह गया और उसपर अशोक जगदाले को पुरस्कृत करने की नौबत आई।

इन सियासी ड्रामों के बीच कानूनी दांवपेंच भी शुरू हुए। राज्यमंत्री रणजीत पाटील द्वारा अपात्र तय किए गए 10 नगरसेवको के वोट एकत्र कर उनकी गणना करने के आदेश मुंबई हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने दिए, जिससे इस चुनाव के नतीजे घोषित करने की राह आसान बन सकी। इस बारे में कुल पांच याचिका दायर की गई थी, इनमें से एक को खारिज कर अन्य सभी याचिकाओं का निपटारा कर अदालत ने तत्काल मतगणना के आदेश दिए थे। तब विधानपरिषद की इस सीट के लिए हुई वोटिंग की गणना की गई।

घोषित परिणाम के अनुसार भाजपा के प्रत्याशी सुरेश धस ने बाजी मारते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस के पुरस्कृत अशोक जगदाले को 74 वोटों से हराया। उन्हें कुल 526 वोट मिले जबकि जगदाले को 452 वोट मिले। एक वोट नोटा और 25 वोट अवैध साबित हुए। इस नतीजे से राष्ट्रवादी और खासकर विधानपरिषद में विपक्षी दल के नेता धनजंय मुंडे को जोरदार झटका लगा है। उन्होंने और भाजपा की मंत्री व उनकी बहन पंकजा मुंडे ने इस चुनाव को लेकर अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगाई थी। इसमें पंकजा ने बाजी मार ली है और बीड़ जिले की सियासत पर अपनी मजबूत पकड़ को फिर एक बार साबित कर दिखाया है।