Sachin Vaze : परमबीर सिंह की तरफ से ही सचिन वाज़े की ‘घर वापसी’; निलंबन समीक्षा समिति की बैठक में निर्णय

मुंबई : गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सीधे तौर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर राज्य के राजकीय माहौल में भूकंप लाने वाले परमबीर सिंह ने ही सचिन वाज़े को मुंबई पुलिस बल में ‘घर वापसी’ कराई थी। उनकी अध्यक्षता में गठित निलंबन समीक्षा समिति ने पिछले साल 5 जून को यह निर्णय लिया था। दस्तावेजों से स्पष्ट है कि वाज़े 3 दिन बाद मुंबई पुलिस बल में शामिल हो गए।

देवेंद्र फडणवीस सहित विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया हैं कि सचिन वाज़े को शिवसेना के दबाव आ कर पुलिस बल में फिर से शामिल किया गया था। कागजों पर यह फैसला तत्कालीन कमिश्नर परमबीर सिंह के अधिकार में लिया गया है। उन्हें महाराष्ट्र सिविल सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1979 के नियम (4), (5), (ए) के अनुसार भर्ती किया गया था।

एपीआई सचिन वाज़े को एनआईए ने 13 मार्च की आधी रात को मुकेश अंबानी के निवासस्थान एंटीलिया के बाहर में एक कार बम रखने के मामले में गिरफ्तार किया था। \आरोपों को खारिज करते हुए, देशमुख ने दावा किया कि एसएस शाखा के वाज़े और एसीपी पाटिल पहले से ही परमबीर के साथ जुड़े हुए थे। इसमें, वाज़े को फिर से पुलिस बल में शामिल किया तो कई मुद्दे सामने आए। वाज़े को ख्वाजा यूनुस मामले में 3 मार्च 2004 को गिरफ्तार किया गया था। उसी वर्ष 12 मार्च को उन्हें निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद वह 16 साल के लिए सेवा से बाहर हो गए। 5 जून, 2020 को कमिश्नर परमबीर सिंह की अध्यक्षता में सस्पेंशन रिव्यू कमेटी की बैठक ने उन्हें बहाल करने का फैसला किया।

आयुक्त के अलावा, निलंबन समिति की समीक्षा बैठक में संयुक्त आयुक्त (प्रशासन), सशस्त्र बलों के अतिरिक्त आयुक्त, एसीबी के अतिरिक्त आयुक्त और सुरक्षा उपायुक्त शामिल थे। इस दौरान 113 मामलों की समीक्षा की गई। उनमें से 18 का निलंबन वापस ले लिया गया।