जज्वे को सलाम ! 8 साल की उम्र में शादी के बाद महिला ने  डॉक्टर बनने का सपना किया पूरा, पति ने खर्च के लिए चलाये ऑटो 

नई दिल्ली, 25 फरवरी – कहते है कि जज्वा हो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं होती। राजस्थान के चौमू से इसी तरह के बुलंद हौशलों की एक खबर सामने आई है. रूपा देवी नाम की महिला ने NEET की परीक्षा पास कर ली है. उन्हें ओबीसी में 658 रैंक हासिल हुआ है. यह सपना उन्होंने 8 साल की उम्र में शादी  के बाद भी नहीं छोड़ा था और आख़िरकार उसे पूरा कर ही लिया।

रूपा पढाई में शुरू से तेज़ थी लेकिन बेहद कम उम्र में शादी होने की वजह से उनकी पढाई बीच में ही छूट गई थी. 8 साल की उम्र और तीसरी क्लास में पढ़ने वाली रूपा की शादी हुई थी. लेकिन पढाई के प्रति लगन और बुलंद हौसलों के कारण वह हाउसवाइफ से लेकर डॉक्टर बनने तक सफर तय कर चुकी है. वह बताती है कि एक समय उसके परिवार की स्थिति बहुत ख़राब थी. पढाई के लिए भी पैसे नहीं थे. वह तीन किलोमीटर चलकर स्कूल के लिए स्टेशन जाती थी. इसके बाद वह बस से स्कूल जाती थी. इसके साथ ही वह घर का काम भी निपटाती थी.
डॉक्टर हो क्यों बनना था ?
उन्होंने बताया कि समय पर इलाज नहीं होने के कारण उनके चाचा भीमाराव यादव की भी हार्ट अटैक से मौत हुई थी. इसके बाद उन्होंने डॉक्टर बनने का ठान लिया।
पहले भी पास की थी  NEET की परीक्षा 
उन्होंने बताया कि 2016 में उन्होंने पहली बार  NEET की परीक्षा पास की थी।  लेकिन रैंक के अनुसार उन्हें महाराष्ट्र स्टेट मिला। इसके लिए ससुराल वाले तैयार नहीं थे. इसके बाद वह 2017 में 2283 रैंक के साथ  NEET की परीक्षा पास करने में फिर से सफल हुई.
परिवार ने दिया साथ 
उन्होंने बताया कि इस सफर में उनके जीजा बाबूलाल और बहन रुक्मा देवी ने उनका पूरा साथ दिया। पढाई का खर्च उठाने के लिए उनके पति ने टेम्पो  भी चलाया। उन्हें उनके पति और जीजा ने कोटा से कोचिंग भी दिलाई।
पत्नी को देख पति ने शुरू की पढाई 
रूप को देखकर उनके पति शंकरलाल यादव की भी पढ़ने में रूचि जगी. वह फिलहाल एमए कर रहे है।