एसबीआइ जनरल इंश्योरेंस ने दर्ज किया 217 करोड़ का लाभ

पुणे समाचार ऑनलाइन – भारत में अग्रणी जनरल इन्श्योरेंस कंपनियों में से एक एसबीआइ जनरल इंश्‍योरेंस ने वित्‍त वर्ष 2017-18 की पहली छमाही के 132 करोड़ रुपये की तुलना में वित्‍त वर्ष 2018-19 की पहली छमाही में 217 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया है। एसबीआइ जनरल ने वित्‍त वर्ष 2018-19 की पहली छमाही में 37 करोड़ रुपये का सस्टेनेबल अंडरराइटिंग लाभ दर्ज किया, जबकि पिछले वित्‍त वर्ष की समान अवधि में इसे 60 करोड़ रुपये का अंडरराइटिंग नुकसान हुआ था। सकल रिटेन प्रीमियम (जीडब्ल्यूपी) में भी 30% की वृद्धि देखने को मिली और यह 17-18 की पहली छमाही के 1,593 करोड़ रुपये की तुलना में 18-19 की पहली छमाही में 2,067 करोड़ रुपये पहुंच गया। 18-19 की पहली छमाही के लिए सॉल्‍वेंसी अनुपात 2.46 रहा जबकि संयुक्‍त अनुपात 96.8 प्रतिशत दर्ज किया गया।
एसबीआइ जनरल इंश्योरेंस के सीएफओ रिखिल क. शाह ने परिणामों पर कहा, “एसबीआइ जनरल ने वित्त वर्ष 2018-19 की पहली छमाही में परिचालन में लगातार सराहनीय वृद्धि प्रदान की है। हमारा मानना है कि एक इंश्‍योरेंस कंपनी की वास्तविक शक्ति अंडरराइटिंग मुनाफे को सुरक्षित रखने में निहित है। इसलिए, जबकि हमारे मुनाफे में लगभग 65% की वृद्धि हुई है (एलटीएच में एक बार रिइन्श्योरेंस सुपुर्द करने के प्रॉफिट इम्पैक्ट को छोड़कर), हमें यह घोषणा करने पर गर्व है कि हमने इसके अलावा 18-19 की पहली छमाही के लिए, 37 करोड़ रु का एक स्थायी अंडरराइटिंग लाभ प्राप्त किया है । हमारा उद्देश्य कम सेवा वाले बाजारों में अपने ग्राहकों के साथ साझेदारी कर और फास्ट-ट्रैकिंग क्लेम प्रोसेसिंग से इसे बनाए रखना है। इंश्‍योरेंस इंडस्ट्री एक दिलचस्प दौर में है और हम इस क्षेत्र में एक लीडर के रूप में पहचाने जाने के लिए इसका लाभ उठाने के लिए तत्‍पर हैं।
पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 18-19 के इस वित्त वर्ष की पहली छमाही के परिणाम में प्रमुख वृद्धि देखी गई है। 20 17-18 की पहली छमाही में दर्ज किए गए आंकड़े वन टाइम रिइंश्‍योरेंस सिडिंग के प्रभाव से रहित हैं, जिनमें से पीएटी (कर पश्‍चा लाभ) 301 करोड़ रुपये तक जाता है, अंडरराइटिंग लाभ 110 करोड़ रुपये पर है, संयुक्त अनुपात 87% पर है, जिसके कारण इक्विटी पर 48% का वार्षिक रिटर्न है।  परिचालन  मोर्चे पर अग्रणी होने के अलावा, एसबीआइ जनरल मजबूत बुनियादी स्‍तंभों पर खड़ा है। अपने मूल भारतीय स्‍टेट बैंक द्वारा हिस्सेदारी बिक्री के हालिया घटनाक्रम में, कंपनी का मूल्य 12,000 करोड़ रु आंका गया था। सात साल के परिचालन में, कंपनी अग्रणी निजी जनरल इंश्‍योरेंस कंपनियों के बीच अच्छी तरह स्थापित है और अच्छी खासी ऊंचाई हासिल कर चुकी है। सितंबर 2018 तक यह आठवीं सबसे बड़ी निजी जनरल इंश्‍योरेंस कंपनी बन चुकी है।