जलशुद्धीकरण केंद्र के लिए पेड़ों की कटाई का शिवसेना ने किया विरोध

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – पिंपरी चिंचवड़ मनपा द्वारा चिखली स्थित गट नंबर 1654 में सरकारी चारागाह की जमीन पर जलशुद्धीकरण केंद्र का निर्माण किया जाना है। उसके लिए कुल 2200 पेड़ों को हटाया जाना है। इसके पहले चरण में 1526 पेड़ काटने की अनुमति देने के प्रस्ताव को वृक्ष प्राधिकरण समिति ने मंजूरी दी है। शिवसेना की वरिष्ठ नेता एवं भूतपूर्व नगरसेविका सुलभा उबाले ने इसका पुरजोर विरोध किया है। उन्होंने कहा कि जलशुद्धिकरण केंद्र के लिए अन्यत्र भी जगह उपलब्ध हो सकती है, उसके लिए पर्यावरण का इतना बड़ा नुकसान करना उचित नहीं होगा।
आंद्रा व भामा आसखेड बांधों से शहर में पानी लाने की योजना के लिए चिखली में सरकारी चारागाह की आठ हेक्टर जमीन पर मनपा की ओर से 300 एमएलडी क्षमतावाले जलशुद्धीकरण केंद्र का निर्माण किया जा रहा है।  तीन चरणों में इस जलशुद्धीकरण केंद्र का निर्माणकार्य किया जाना है। इसके लिए यहां के 2200 पेड़ों को काटा जाएगा। मनपा के जलापूर्ति विभाग ने उद्यान विभाग से पेड़ों को हटाने की अनुमति मांगी थी। वृक्ष प्राधिकरण ने एक बैठक में पहले चरण में 1526 पेड़ों की कटाई को मंजूरी दी है।
इस बारे में मनपा प्रशासन का कहना है कि, आंद्रा व भामा-आसखेड बांधों से पिंपरी चिंचवड़ शहर में पानी लाने की एक महत्वपूर्ण परियोजना चलाई जा रही है। इस परियोजना के लिए चारागाह की जमीन पर रहे पेड़ों को हटाना जरूरी है। हालांकि कई पेड़ों का पुनर्रोपण किया जायेगा। पूरे छह साल की कोशिशों के बाद चिखली की चारागाह की जमीन मनपा के कब्जे में आई है। शिवसेना की नेता सुलभा उबाले ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजे एक खत के जरिए इतने बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई पर स्थगिति आदेश देने की मांग की है। जलशुद्धीकरण केंद्र के लिए शहर के कई हिस्सों में खुली जमीनें पड़ी हैं। इसके लिए हजारों पेड़ काटकर सरकारी चारागाह मैदान की जमीन का चयन करना गलत है। मनपा द्वारा बिल्डरों के फायदे के लिए इससे पहले भी पेड़ों की कटाई के आदेश देकर पर्यावरण का नुकसान किया है।