भाजपा खिलाफी मोर्चे में शिवसेना- तृणमूल कांग्रेस साथ- साथ!

नई दिल्ली। समाचार एजेंसी
एनडीए के सबसे अहम घटक और भाजपा के सबसे पुराने साथी शिवसेना के तेवर लगातार बदलते नजर आ रहे हैं। देश के मौजूदा राजनीतिक हालात ये बता रहे हैं कि एनडीए के भीतर सब ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। उसी में सियासी गलियारों से शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी के साथ आने की खबर ने सबको चौंका दिया है। बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी द्वारा अगले साल जनवरी महीने में कोलकाता में आयोजित होने वाले महारैली में शिवसेना प्रमुख भी शामिल होंगे।

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दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय में शिवसेना के संसदीय दल के नेता संजय राऊत के साथ बैठक में ममता ने अगले साल 19 जनवरी को आयोजित होने वाली महारैली में शामिल होने के लिए ठाकरे को आमंत्रित किया। सूत्रों के अनुसार, रैली में शामिल होने का निमंत्रण दिए जाने पर राऊत ने कहा कि ठाकरे इसमें शामिल होंगे। ज्ञातव्य हो कि इस महारैली का उद्देशय 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा के खिलाफ बिगुल फूंका जाएगा। इस रैली के जरिए ममता बनर्जी को खुद को भाजपा विरोधी गुट के नेतृत्वकर्ता के रूप में साबित करने में जुटी हैं।
गौरतलब हो कि, नवंबर 2016 में शिवसेना के सांसदों ने टीएमसी के साथ नोटबंदी के विरोध में राष्ट्रपति भवन तक मार्च किया था। इसके बाद से ठाकरे और ममता बनर्जी लगातार एक- दूसरे के संपर्क में बने हुए हैं। पिछले साल नवंबर माह में ममता बनर्जी के मुंबई दौरे के समय ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने मुलाकात की थी। वहीं, जून महीने में शिवसेना के 52वें स्थापना दिवस के अवसर पर ममता बनर्जी ने ट्वीट कर बधाई भी दी थी। ये सारी गतिविधियां शिवसेना और तृणमूल कांग्रेस के बीच नजदीकी बढ़ने की ओर साफ संकेत दे रहे हैं।
मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों द्वारा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद शिवसेना ने मोदी सरकार का साथ न देते हुए बॉयकाट कर दिया था। इसके कुछ दिन बाद ही उद्धव ठाकरे के कोलकाता रैली में शामिल होने की बात से यह साफ जाहिर है, एनडीए में दरार आ चुकी है। इस महारैली में तमाम भाजपा विरोधी पार्टियों को एक मंच पर लाने के लिए ममता बनर्जी नवंबर से दौरा करेंगी। वहीं, इसके जवाब में 23 जनवरी 2019 को कोलकाता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने एक रैली का आयोजन किया गया है। अब यह रैली युध्द क्या रंग लाएगा? इसकी उत्सुकता बढ़ गई है।