सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ शिवसेना का 12 घंटे की हड़ताल 

नई दिल्ली | समाचार ऑनलाइन

शिवसेना ने सबरीमाला मंदिर में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का विरोध किया है। बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि, सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाएं मंदिर में प्रवेश कर सकती है।  इस फैसले के विरोध में शिवसेना ने 1 अक्टूबर को केरल में 12 घंटे की हड़ताल बुलाई है।  शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर सैकड़ों वर्षों से चली आ रही रोक को हटा दिया है।

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सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट के चार जजों के सहमति से अपना फैसला सुनाया है। चारों जजों ने अपने फैसले में मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दी है। जबकि जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने चार जजों के फैसले पर अपनी असहमति जताई। जस्टिस मल्होत्रा ने कहा कि याचिका देखे जाने योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला देश में पूजा-पाठ की अन्य पद्धतियों पर असर डालेगा।

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सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगी थी। इस जवाब पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि यह कैसे तय होगा कि 10 से 50 साल तक की उम्र की महिलाएं ही मासिक धर्म की प्रक्रिया से गुजरती हैं। 9 साल या 51 साल की महिला को भी मासिक धर्म हो सकते हैं।  मंदिर प्रशासन का तर्क था कि यह  परंपरा इसलिए है क्योंकि यह भगवान अयप्पा का मंदिर है और वो उम्र भर अविवाहित थे।