SHOCKING ! बेटा 1 साल से लापता, पुलिस बोली- अगर उसके मन में होगा, तो आ जाएगा…

पुणे समाचार : मेरे बेटा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, लेकिन एक दिन वह घर छोड़कर चला गया… उसके बाद एक आदमी ने 25 लाख की मांग की… उस फोन को पुलिस ने रिकॉर्ड किया… अब इसे एक साल हो जाएगा… लेकिन, बेटे का अभी तक कोई अता-पता नहीं है… पुलिस का कहना है कि उसकी तलाश जारी है … फिर कहते हैं उसके मन में होगा, तब आ जाएगा… बताओ उसकी कैसे तलाश करूं ? यह सवाल उठाया है उस पिता (भानुदास खुटवाड़) ने जिसका बेटा 1 साल से गुमशुदा है. वहीं पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठी, युवक के खुद ही घर लौटने का इंतजार कर रही है.

मूल रूप से नायगांव (ता. भोर) निवासी भानुदास खुटवाड़ अपने बेटे आकाश के साथ वर्तमान में सहकारनगर में रह रहे थे. आकाश 2 जनवरी 2019 को यह कह कर घर से निकला था कि वह मामा के गांव जा रहा है. लेकिन उसके बाद वह घर नहीं लौटा, तो घरवालों ने उसकी काफी खोजबीन की, लेकिन नाकामयाब होने के बाद उन्होंने धनकवड़ी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।

पिता वीडियो में कहते दिख रहे हैं कि, इस बीच, तीन-चार दिनों के बाद, मुझे एक हिंदी भाषी व्यक्ति का फोन आया और उसने मेरे बेटे के एवज में 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी. मैंने उससे कहा कि मुझे बेटे से बात करने दो, तब मैं तुम्हें पैसे जुटाकर दे दूंगा। हालाँकि, सामने वाला व्यक्ति इसके लिए तैयार नहीं था। लगातार  दो से तीन दिनों तक फोन आए और ये सभी फोन कॉल सहकारनगर पुलिस स्टेशन में भी दर्ज किए गए थे। लेकिन इसके बाद कोई कॉल नहीं आया.

खुटवाड़ ने आगे बताया कि, मेरा बेटा आकाश भारती विश्वविद्यापीठ में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष का छात्र था. वो जैसे ही घर से गया उसके बाद पैसे के लिए फोन आना शुरू हो गए. मैं रिक्शा चालक हूं, 25 लाख रुपये कहां से लाऊ? फिर भी, मैं कॉल करने वालों से कह रहा था कि पैसे देता हूं। लेकिन वे सुनने को तैयार नहीं थे।

गमगीन पिता के मुताबिक फोन करने वाले ने मुझसे कहा कि ‘आप खाते में पैसा जमा करें. हम आपके बेटे को दादर स्टेशन के पास छोड़ देते हैं,’. इसके तीन या चार दिन तक फोन आया, फिर आना बंद हो गए. सालभर से हम आकाश की खोज कर रहे हैं। वहीं पुलिस कहती है कि, ” अगर आपके बेटे के मन में हुआ तो वह आएगा.” इसके बाद क्या करें कुछ समझ नहीं आता. पिता का कहना है कि पुलिस चाहे तो उसे खोज सकती है. हम एक बार फिर आकाश से मिलने की आस में हैं.