औद्योगिक क्षेत्र के माफियाराज को उखाड़ फेंकने बना स्पेशल सेल

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – औद्योगिक क्षेत्र से माफियाराज उखाड़ फेंकने के लिए पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्त आरके पद्मनाभन ने स्पेशल सेल गठित किया जा रहा है। इंडस्ट्रियल रिलेशन नामक यह स्पेशल सेल सीधे उनकी निगरानी में काम करेगा। ज्ञातव्य हो कि गत साल अक्टूबर माह में औद्योगिक क्षेत्र के माफियाराज के बारे में पुलिस आयुक्त पद्मनाभन से मिलकर शिकायत की थी। तब उन्होंने माफियाराज खत्म करने और उद्यमियों के लिए सुरक्षित माहौल तैयार करने के आदेश दिए थे।

पुणे खासकर पिंपरी चिंचवड़, तलेगांव, चाकण के औद्योगिक क्षेत्र, जिसे ऑटोमोबाइल हब कहा जाता है, में कई विदेशी कंपनियों ने निवेश किया है। इन कंपनियों में पानी से लेकर लेबर सप्लाई और ट्रांसपोर्ट से लेकर स्क्रैप का ठेका उठाने तक हर ठेके में माफिया की घुसपैठ हो चुकी है। ठेका पाने के लिए कंपनियों को धमकाने से लेकर प्रतिस्पर्धियों के साथ जानलेवा स्पर्धा में कई वारदातें हो रही हैं। इससे यहां की कंपनियों में घबराहट का माहौल बना हुआ है। यह माफियाराज सरकार की मेक इन इंडिया और मेक इन महाराष्ट्र की योजनाओं में भी बाधक बन रहा है।

तलेगांव और चाकण एमआईडीसी क्षेत्र में फैले माफियाराज को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने औद्योगिक क्षेत्र में फैले माफियाराज को उखाड़ फेंकने और उद्योगों व निवेशकों में भरोसा निर्माण करने के आदेश दिए। जर्मन कॉन्सुलेट जनरल डॉ. यूरगन मोरहार्ड ने अक्टूबर 2018 में पिंपरी चिंचवड पुलिस आयुक्त पद्मनाभन से मुलाकात की और तलेगांव और चाकण एमआईडीसी में माथाडी और यूनियनों के नाम पर जारी गुंडागर्दी पर लगाम कसने की मांग की थी। उस पर पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर एमआईडीसी क्षेत्र के माफियाराज के उच्चाटन के लिए एक्शन प्लान बनाया गया।

पुलिस आयुक्त पद्मनाभन ने औद्योगिक क्षेत्र में दर्ज होनेवाले मामलों की समीक्षा की। कंपनियों के एचआर और एडमिन से की बैठकों से उनकी अड़चनों के बारे में जानकारी जुटाई गई। इसके लिए चाकण, तलेगांव दाभाडे पुलिस थानों के स्तर पर बैठकों का आयोजन किया गया। हालांकि स्टाफ, वाहन अन्य संसाधनों की कमी के चलते पुलिस के एक्शन प्लान की अमलबाजी नहीं की जा सकी। स्टाफ की कमी पूरे होने से औद्योगिक क्षेत्र के लिये इंडस्ट्रियल रिलेशन सेल गठित किया जा रहा है। क्राइम ब्रांच के फिरौती और डकैती विरोधी दस्ते को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस सेल के लिए अलग से एसीपी दर्जे के अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी जो उस सेल के रोजमर्रा के कामकाज पर ध्यान देने और उसकी रिपोर्टिंग सीधे पुलिस आयुक्त को होगी।