आपसी झगड़े में खुद गिर जाएंगी कांग्रेस की राज्य सरकारें  : कैलाश विजयवर्गीय

नागपुर : समाचार ऑनलाईन – भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि कांंग्रेस नेतृत्व की राज्य सरकारें अंतर्कलह के कारण गिर जाएंगी। मध्य प्रदेश, राजस्थान सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए अलग से किसी की आवश्यकता नहीं है। भाजपा भी इन सरकारों को नहीं गिराएगी। भाजपाध्यक्ष पद को लेकर चल रही चर्चाओं पर विजयवर्गीय ने कहा-अध्यक्ष पद की दौड़ में नहीं हू्ं। सत्तापक्ष का महासचिव छोटा नहीं होता है। वैसे भी हम भाजपा कार्यकर्ता किसी पद को लेकर आग्रही नहीं रहते हैं।

जो जवाबदारी दी उसे पूरा करने का प्रयास किया
मंत्री था तब पार्टी अध्यक्ष ने फोन करके संगठन के काम के लिए बुला लिया। बाद में जो जवाबदारी दी उसे पूरा करने का प्रयास किया। अब भी पार्टी की ओर से मिलने वाले हर निर्देश व जवाबदारी का पालन करुंगा। वैसे में मेरा मिशन बंगाल अधूरा है। गत दिन वर्धा में एक कार्यक्रम में शामिल होने के सिलसिले में यहां आए विजयवर्गीय ने पत्रकारों से चर्चा की। मध्य प्रदेश की राजनीति से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि वहां सरकार ज्यादा दिन नहीं चलने वाली है। मुख्यमंत्री कमलनाथ तो कांग्रेस के लिए ही संदिग्ध हो गए हैं। वे अपनी ही पार्टी के नेताओं से लड़ रहे हैं। दिग्विजयसिंह, सुरेश पचौरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कमलनाथ ने सबको निपटा दिया है। राजस्थान में भी कांग्रेस की अंतर्कलह दूर नहीं होने वाली है।

विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रभारी भी हैं। जय श्रीराम नारे को लेकर पश्चिम बंगाल के राजनीतिक घटनाक्रम पर उन्होंने कहा कि वह जनता की प्रतिक्रिया है। ममता बनर्जी को जय श्रीराम लिखा पत्र भेजा जाना भाजपा की आर्गनाइज्ड योजना नहीं है। बनर्जी की राजनीति के विरोध को केवल चुनाव से जोड़ा जाना भी ठीक नहीं होगा। 4 साल से भाजपा पूरी ताकत के साथ उनकी नीतियों का विरोध कर रही है। ईवीएम को लेकर संदेह का आधार नहीं है। ईवीएम वोटिंग से ही ममता बनर्जी चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बनी। कुछ राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनी। कांग्रेस ने तब ईवीएम का विरोध नहीं किया। चुनाव प्रचार के समय शब्दों के हल्केपन पर उनका कहना है कि यह सब संस्कार पर निर्भर है। भाजपा के शीर्ष नेताओं ने हल्के शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया।

मंदिर हम ही बनाएंगे
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होगा। मंदिर हम ही बनाएंगे। साथ ही जवाबदार राजनीतिक दल की भूमिका निभाएंगे। विधायिका, न्यायपालिका का सम्मान किया जाएगा। मंदिर तो बनना ही चाहिए। इस सरकार के ही कार्यकाल में मंदिर बन जाएगा।

गड़करी से ली जाती है सलाह
केंद्रीय मंत्रिमंडल में नितिन गड़करी का महत्वपूर्ण स्थान है। महत्वपूर्ण विभागों के कामकाज में उनकी सलाह ली जाती है। फिलहाल उन्हें उनकी पसंद के अनुरुप ही विभाग मिला है। संगठन मामले में भी गड़करी का योगदान मिल रहा है।