3000 करोड़ की लागत से बनी  स्टैचू ऑफ़ यूनिटी को पहली ही बारिश ने ही मुश्किल में डाला 

 
 
वड़ोदरा : समाचार ऑनलाईन – गुजरात में हो रही मूसलाधार बारिश का असर दुनिया की सबसे ऊँची स्टैचू ऑफ़ यूनिटी पर हुआ है । मिली जानकारी के अनुसार पुतले के 150 मीटर ऊंचाई पर स्थित दर्शक दीर्घा में बारिश का पानी जमा होने की जानकारी सामने आई है दर्शक दीर्घा में बारिश का पानी जमा होने से पर्यटकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है । सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची यह पुतला है । दर्शकों के लिए ऊंचाई पर यह गैलरी बनाई गई है ताकि दर्शक नर्मदा नदी पर बने डैम का भी नज़ारा ले पाए । लेकिन पहली ही बारिश में ही ऐसा नज़ारा सामने आया है कि पुतले के नियोजन को लेकर सवाल खड़े हो गए है ।
200 दर्शकों की क्षमता
कड़कती बिजली और जोरदार बारिश के कारण स्टैचू ऑफ़ यूनिटी का दर्शक दीर्घा के पानी से भर जाने की जानकारी है । 200 दर्शकों की क्षमता वाले इस गैलरी में पानी जमा होने पर चिंता जाहिर की जा रही है । प्रबंधन टीम की तरफ से जमा पानी निकाला जा रहा है लेकिन पहली ही बारिश में इस तरह के नज़ारे से लोग हैरान हैं ।
31 अक्टूबर 2018 को लोकार्पण किया था
सरदार वल्लभभाई पटेल की दुनिया की सबसे बड़ी 182 मीटर ऊंची पुतले का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 31 अक्टूबर 2018 को लोकार्पण किया था । लेकिन इस पुतले को देखने का प्रवेश फीस दुनिया भर में प्रसिद्ध ताजमहल के फीस से 7 गुना ज्यादा है।  इसे लेकर लोग नाराजगी जाहिर कर चुके है । इसके बावजूद यहां आने प्रयटकों की संख्या बढ़ती जा रही है ।   केवल गुजरात ही नहीं राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से पर्यटक यहां आ रहे है ।
निर्माण पर 2,989 करोड़ रुपए खर्च
इस पुतले के निर्माण पर 2,989 करोड़ रुपए खर्च किये गए है । लॉसर्न एंड टुबो और राज सरकार दवारा संचालित सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड पर पुतला बनाने की जिम्मदारी थी. स्टैचू ऑफ़ यूनिटी दुनिया में सबसे ऊंची पुतला है । यह बेहद कम समय में तैयार किया गया है ।   पुतले की ऊंचाई न्यूयॉर्क के  स्टैचू ऑफ़ लिबर्टी से दोगुनी है । चीन के गौतम बुद्ध के स्प्रिंग टेम्पल पुतले से भी ऊंची है।