Success Story : गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाई करके बिना मां के बड़ी बनी सौम्या, ऐसे बनीं न्यायाधीश 

 

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाईन – कड़ी मेहनत किया तो हर चीज संभव है।  यह केवल एक छोटा सा वाक्य नहीं। इस  एक छोटे से वाक्य में कितना बड़ा विश्वास हैं ।  यही विश्वास दिनेश दिवेदी की बेटी सौम्या दिवेदी में था ।  सौम्या ने विश्वास को सही साबित करके दिखाया और अपने पिता का सपना पूरा किया।

पिता का सपना पूरा किया 
सौम्या ने धनौटी गांव के कस्तूरबा गर्ल्स इंटर कॉलेज में बारहवीं तक की पढ़ाई पूरी की । उसकी मां का 10 वर्ष पहले ही निधन हो गया था ।   उसके बाद उसके पिता ने उसे संभाला। सौम्या की बड़ी बहन की शादी हो चुकी थी. उसके पिता का सपना था कि उसकी बेटी न्यायाधीश बने । सौम्या अपने पिता की तरह शिक्षक बनना चाहती थी।  लेकिन उसने अपने पिता के सपनों का सम्मान करते हुए उसी  दिशा में कदम बढ़ाया।
परीक्षा में 151 रैंक मिला स 
सौम्या ने 12वी की परीक्षा पास करने के बाद एलएलबी के लिए बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया। अभी वह यहां से एलएलएम कर रही है. इसकी पढाई करते हुए उसने यूपीएससी की परीक्षा दी ।    इस परीक्षा क्यू`में उसे 151 रैंक मिला।
देश की न्याय व्यवस्था अच्छी है
सौम्या ने कहा कि मेरे पिता का जो सपना था उसे पूरा करने के लिए मैं न्यायाधीश बानी हूं ।    इसकी तैयारी के दौरान मैं सोशल मीडिया से दूर रही ।   देश की न्याय व्यवस्था अच्छी है ।   इसी प्रक्रिया सदोष नहीं लेकिन कानून का पालन अच्छी तरह से होना चाहिए।