पुणे में मेथनॉल पर दौड़ेंगी एसी बसें; नीति आयोग ने जताई सहमति

पुणे। समाचार एजेंसी
पेट्रोल- डीजल की आसमान छूती कीमतें से राहत दिलाने के लिए सरकार वैकल्पिक ईंधन की दिशा में आगे बढ़ रही है। देश में पहली बार एसी बसें 100 फीसदी वैकल्पिक ईंधन मेथनॉल पर चलने जा रही हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इन बसों को पुणे, मुंबई और गुवाहाटी में चलाया जाएगा। इसके बाद देश के दूसरे हिस्सों में इस योजना को लागू किया जाएगा। अगले साल जनवरी में कुंभ के दौरान वाराणसी-इलाहाबाद के बीच गंगा नदी में पानी के जहाज भी 100 फीसदी मेथनॉल ईंधन से चलेंगे।
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नीति आयोग की मुहर के बाद जनवरी 2019 में बसें और जहाज मेथनॉल पर चलने लगेंगे। सडक़ परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और नीति आयोग के सदस्य व रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार सारस्वत के बीच बीते सप्ताह अहम बैठक हुई है। इस बैठक में 100 प्रतिशत वैकल्पिक ईंधन मेथनॉल पर 30 एसी बसों व पानी के जहाज को चलाने पर सहमति बन गई है। फैसले के मुताबिक नीति आयोग राज्यों को 30 एसी बसें मुहैया कराएगा जो मेथनॉल पर चलेगी।
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यह बसें मुंबई, पुणे व गुवाहाटी से आसपास के प्रमुख शहरों के बीच चलाई जाएगी। वर्तमान में मेथनॉल संग्रहण के लिए ढांचागत विकास करने के बजाए बड़े टैंकरों में मेथनॉल ईंधन होगा, जिससे बसों का संचालन बगैर किसी बाधा के किया जा सके। पॉयलट प्रोजेक्ट सफल होने पर ईंधन के संग्रहण के लिए पेट्रोल व सीएनजी पंप की तर्ज पर बड़े बंकर बनाए जाएंगे। सूत्रों के अनुसार जनवरी माह में कुंभ के दौरान वाराणसी-इलाहाबाद के बीच वैकल्पिक ईंधन मेथनॉल से पानी के जहाज चलाए जाएंगे।

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