सुनंदा पुष्कर केस में थरूर पर फैसला 5 जून को

दिल्ली : दिल्ली पुलिस की 3000 पेज की चार्जशीट में शशि थरूर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।

सुनंद पुष्‍कर की मौत के मामले में सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें सुनंदा पुष्‍कर के वकील ने कहा कि यह आत्‍महत्‍या के लिए उकसाने और निर्दयता का मामला है। उन्होंने कहा कि सुनंदा के सोशल मीडिया अकाउंट पर दिए बयान को ‘मरने की घोषणा’ के रूप में माना जा सकता है। दिल्ली पुलिस की 3000 पेज की चार्जशीट में शशि थरूर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।

आरोपी माना जाए या नहीं

सुनंदा पुष्कर मौत मामले में उनके पति शशि थरूर को आरोपी माना जाए या नहीं, इस पर कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट 5 जून को इस संबंध में फैसला सुनाएगा। चार्जशीट के मुताबिक, सुनंदा ने अपने पति को भेजे ईमेल में लिखा था कि उनकी जीने की इच्छा खत्म हो चुकी थी। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि सुनंदा के मेल और सोशल मीडिया मैसेज को ‘डाइंग डेक्लरेशन’ माना जा सकता है।

दिल्ली पुलिस ने 14 मई को तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य थरूर पर सुनंदा को आत्महत्या के लिये उकसाने का आरोप लगाया था। दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा कि थरूर को साढ़े चार साल पुराने मामले में आरोपी के तौर पर तलब किया जाना चाहिये। उसने दावा किया कि उसके पास पर्याप्त सबूत हैं। सुनंदा पुष्कर ने 8 जनवरी 2014 को अपने पति को ईमेल में लिखा था, “मेरी जीने की इच्छा नहीं है…मैं सिर्फ मौत की कामना कर रही हूं.” बता दें कि इस ईमेल के 9 दिन बाद सुनंदा दिल्ली के एक होटल में मृत मिली थीं।