कार्यकारी पुलिस प्रमुखों की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई

नई दिल्ली। समाचार ऑनलाइन

सर्वोच्च न्यायालय ने कार्यकारी पुलिस प्रमुखों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकारों को पुलिस प्रमुख के रिटायर होने के बाद कार्यकारी पुलिस प्रमुखों को नियुक्त करने की परंपरा को रोकने का निर्देश दिया है। इसके बजाए राज्य सरकारों को तीन वरिष्ठ पुलिस अफसरों के नाम संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भेजने का निर्देश दिया है।
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पुलिस सुधार के लिए आदेश

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम. खानविलकर और जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने देश में पुलिस विभाग में सुधार के लिए ये निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि यूपीएससी तीन सीनियर पुलिस अधिकारियों का एक पैनल गठित करे, जिनके रिटायर होने में ज्यादा से ज्यादा दो साल का समय बचा हो। इनमें से एक को पुलिस प्रमुख के पद पर नियुक्त किया जाए। कोर्ट ने कहा, इन तीन नामों की यह सिफारिश मौजूदा पुलिस प्रमुख के सेवानिवृत्त होने से तीन महीने पहले भेजी जाए।

राज्य सरकारें राजनीतिक फायदे के लिए करती हैं नियुक्ति

केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि कुछ राज्य सरकारें राजनीतिक रूप से अनुकूल पुलिस अधिकारियों को कार्यकारी पुलिस प्रमुख के पदों पर नियुक्त कर रहीं हैं और जब इन अधिकारियों की रिटायर होने का समय पास आता है तो उन्हें नियमित आधार पर नियुक्त कर दिया जाता है जिससे उनकी सेवा में बचे सालों के बावजूद वो दो साल के कार्यकाल का मजा लेते हैं। केंद्र ने अदालत से उस आदेश में संशोधन का आग्रह किया था जिसमें कोर्ट ने पुलिस प्रमुख को दो साल के लिए अनिवार्य रूप से नियुक्त करने का आदेश दिया हुआ है। हांलाकि कोर्ट ने अपने निर्देश में संशोधन नहीं किया।