आतंक का पर्याय व एक करोड़ के इनामी नक्सली नेता ने किया आत्मसमर्पण

दुर्ग। समाचार ऑनलाइन 
तीन गनमैन की सुरक्षा में रहकर छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सीमा में लाल आतंक का पर्याय बन चुके ईनामी नक्सली लीडर ने गुरुवार को दुर्ग संभाग के आईजी के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। सरेंडर करने वाले माओवादी लीडर पहाड़ सिंह के ऊपर एक करोड़ रुपए का ईनाम था। नक्सल आतंक फैलाते हुए उसने कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया। जिसमें कई सुरक्षा बल और पुलिस जवान शहीद हो चुके हैं।
अशोक, टीपू सुल्तान, कुमारसाय कतलामी, बाबूराव तोफा जैसे कई नामों से पहचाने जाने वाले पहाड़सिंह के खिलाफ चार राज्यों में हत्या, आगजनी, विस्फोट समेत 80 मामले दर्ज हैं। महाराष्ट्र के गोंदिया में भी वह लगातार सक्रिय रहा। यहां की सरकार ने भी उसपर 16 लाख रुपए का इनाम घोषित किया है। सीनियर माओवादी लीडर पहाड़ सिंह पर छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में भी 25- 25 लाख रुपए का इनाम है।
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पहाड़सिंह छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव स्थित झुर्रिया गांव का निवासी है। उसकी राजनीति में भी रूचि थी। 2002-2003 में उनकी पत्नी सरपंच थी मगर उसके दोस्तों ने उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। पत्नी की हार का बदला लेने के लिए वह नक्सली संगठनों से जुड़ा, हांलाकि वह बदला न ले सका। वह पहले खोब्रामेंढा बाद में तांडा दल में था, गोंदिया बॉर्डर पर भी वज सक्रिय था। 2013 में गढ़चिरौली पुलिस ने उसके वकील से नक्सली गतिविधियों को त्यागने संबधी पत्र लिखकर लिया था।
काफी समय से पुलिस को उसकी तलाश थी। हर बार सर्च ऑपरेशन के दौरान वह पुलिस और सुरक्षा बल के जवानों को चकमा देकर निकल जाता था। दुर्ग आईजी जीपी सिंह ने बताया कि यह महाराष्ट्र, मप्र और छग की स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य है। हथियार के बिना समर्पण इसलिए किया कि इसके 3 गनमैन सुरक्षा में 24 घण्टे सतर्क रहते थे। नक्सल लीडर का समर्पण पुलिस की बड़ी सफलता है। इससे न केवल नक्सलियों की कमर टूटेगी बल्कि चुनाव के दौरान उनके आभियानों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा। दुर्ग पुलिस इसके सरेंडर को लेकर काफी समय से प्रयास में जुटी हुई थी ।