आतंकवाद, हिंसाचार, भेदभाव, गरीबी बड़ी चुनौती: उपराष्ट्रपति 

पिंपरी। समाचार ऑनलाइन  
आतंकवाद, हिंसाचार, भेदभाव, गरीबी को बड़ी चुनौती बताते हुए उपराष्ट्रपति व्यंकय्या नायडू ने मंगलवार को पुणे में अपने संबोधन में कहा कि, आतंकवाद पुरे विश्व के समक्ष निर्माण एक गंभीर समस्या है, इसके खिलाफ लड़ने के लिए सभी देशों को एकजुट होना जरुरी है। एमआइटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी और एमआइटी आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नॉलॉजी के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर दार्शनिक संत श्री ज्ञानेश्‍वर महाराज विश्‍व शांति प्रार्थना सभागृह एवं विश्‍व शांति लाइब्ररी का लोकार्पण तथा वर्ल्ड पार्लमेंट का उद्घाटन आज उपराष्ट्रपति के हाथों किया गया।
[amazon_link asins=’B078124279′ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’ff4b0cd4-c64d-11e8-bd2b-1539f6985253′]

उन्होंने आगे कहा कि, विश्‍व में बढते आतंकी माहौल में हर एक व्यक्ति को शांति की आवश्यकता है। वर्ल्ड पीस डोम सारी दुनियां में शांति देने के लिए एहम भूमिका निभाएगा। यह सारे विश्‍व को शांति की राह पर ले चलेगा। यह केवल भारत का नहीं बल्कि सारी दुनिया का है, जिसकी अनुभूति लेने सारी दुनिया के लोग यहां पर आएंगे। इसका समावेश वडंर ऑफ द वर्ल्ड में होगा। यहां पर स्थापित किये गए महामानवों, जिन्होंने दुनिया को शांति का संदेश दिया, के स्मारक लोगों को प्रेरणा देंगे। वसुधैव कुटुंम्बकम की परंपरा भारत भूमि की है।

इनसे मिलने के बाद अन्ना ने टाला अनशन का फैसला

[amazon_link asins=’B00KGZZ824,B07CK74Y2W’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’37ff58b8-c64e-11e8-b1a4-a5167eab4d97′]

यहां स्वामी विवेकानंद और संत ज्ञानेश्‍वर ने सारे विश्‍व को यही संदेश देते हुए मानवता को एकसूत्र में पिरोने का काम किया है। माता, मातृभूमि, मातृभाषा व भारत भूमि को कभी नहीं भूलना चाहिए। विविधता में एकता का संदेश भारत से ही सारी दुनिया को दिया जा रहा है। इस युग में गूगल बडा जरूर है लेकिन हमें सच्चा ज्ञान गुरू ही देता है। वर्तमान युग में हमारे सामने पर्यावरण, स्वच्छता जैसी कई समस्याओं ने विकराल रूप धारण किया है, यह भी उन्होंने कहा।

 [amazon_link asins=’B00OJZOBRA,B00NXG86UE’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’0e25d8e9-c64e-11e8-977a-e11946497a8d’]

विशेष सन्माननीय अतिथि के रूप में उपस्थित महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, महात्मा गांधीजी ने दिया हुआ अहिंसा का संदेश ही मानव शांति के लिए सबसे महत्वपूर्ण हथियार है। संत श्री ज्ञानेश्‍वर महाराज के पसायदान के माध्यम से बुरी बातों को लगाम लगा सका है। अब उन्हीं के नाम का यह गुबंद भारत को समर्पित करना एक वैश्‍विक इतिहास का महत्वपूर्ण पल है। एमआइटी वर्ल्ड पीस युनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रा.डॉ.विश्‍वनाथ दा. कराड ने कहा, यह गुंबद भारतीय संस्कृति, ज्ञान, परंपरा व तत्त्वज्ञान के प्रतिक के रूप में लौकिक होगा। भगवान गौतम बुध्द और महात्मा गांधी को सारी दुनिया में शांति दूत के रूप में पहचाना जाता है। ऐसे महान लोगों की वाणी अब सच होेने जा रही है। स्वामी विवेकांनद के कहे अनुसार 21वीं सदीं में भारत विश्‍व गुरू के रूप में उभरकर आएगा। इसका छोटा सा प्रतीक यह गुंबद है। वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मविभूषण डॉ. आर.एम.माशेलकर ने कहा, सारे विश्‍व को अलग कल्पना एवं मानवकल्याण का संदेश इस गुंबद के जरिए दिया जाएगा। सायन्स, धर्म और अध्यात्माक स्त्रोत के साथ ही मानवता एवं शांति की नई राह यहीं से ही दी जाएगी। वरिष्ठ कम्प्यूटर विशेषज्ञ पद्मभूषण डॉ. विजय भटकर, एमआयटी वर्ल्ड पीस युनिवर्सिटी के कार्याध्यक्ष प्रा. राहुल विश्‍वनाथ कराड, पुणे की महापौर मुक्ता तिलक, सांसद डॉ. विकास महात्मे, डॉ. मंगेश तु. कराड उपस्थित थे।