उन्होंने आगे कहा कि, विश्व में बढते आतंकी माहौल में हर एक व्यक्ति को शांति की आवश्यकता है। वर्ल्ड पीस डोम सारी दुनियां में शांति देने के लिए एहम भूमिका निभाएगा। यह सारे विश्व को शांति की राह पर ले चलेगा। यह केवल भारत का नहीं बल्कि सारी दुनिया का है, जिसकी अनुभूति लेने सारी दुनिया के लोग यहां पर आएंगे। इसका समावेश वडंर ऑफ द वर्ल्ड में होगा। यहां पर स्थापित किये गए महामानवों, जिन्होंने दुनिया को शांति का संदेश दिया, के स्मारक लोगों को प्रेरणा देंगे। वसुधैव कुटुंम्बकम की परंपरा भारत भूमि की है।
यहां स्वामी विवेकानंद और संत ज्ञानेश्वर ने सारे विश्व को यही संदेश देते हुए मानवता को एकसूत्र में पिरोने का काम किया है। माता, मातृभूमि, मातृभाषा व भारत भूमि को कभी नहीं भूलना चाहिए। विविधता में एकता का संदेश भारत से ही सारी दुनिया को दिया जा रहा है। इस युग में गूगल बडा जरूर है लेकिन हमें सच्चा ज्ञान गुरू ही देता है। वर्तमान युग में हमारे सामने पर्यावरण, स्वच्छता जैसी कई समस्याओं ने विकराल रूप धारण किया है, यह भी उन्होंने कहा।
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विशेष सन्माननीय अतिथि के रूप में उपस्थित महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, महात्मा गांधीजी ने दिया हुआ अहिंसा का संदेश ही मानव शांति के लिए सबसे महत्वपूर्ण हथियार है। संत श्री ज्ञानेश्वर महाराज के पसायदान के माध्यम से बुरी बातों को लगाम लगा सका है। अब उन्हीं के नाम का यह गुबंद भारत को समर्पित करना एक वैश्विक इतिहास का महत्वपूर्ण पल है। एमआइटी वर्ल्ड पीस युनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रा.डॉ.विश्वनाथ दा. कराड ने कहा, यह गुंबद भारतीय संस्कृति, ज्ञान, परंपरा व तत्त्वज्ञान के प्रतिक के रूप में लौकिक होगा। भगवान गौतम बुध्द और महात्मा गांधी को सारी दुनिया में शांति दूत के रूप में पहचाना जाता है। ऐसे महान लोगों की वाणी अब सच होेने जा रही है। स्वामी विवेकांनद के कहे अनुसार 21वीं सदीं में भारत विश्व गुरू के रूप में उभरकर आएगा। इसका छोटा सा प्रतीक यह गुंबद है। वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मविभूषण डॉ. आर.एम.माशेलकर ने कहा, सारे विश्व को अलग कल्पना एवं मानवकल्याण का संदेश इस गुंबद के जरिए दिया जाएगा। सायन्स, धर्म और अध्यात्माक स्त्रोत के साथ ही मानवता एवं शांति की नई राह यहीं से ही दी जाएगी। वरिष्ठ कम्प्यूटर विशेषज्ञ पद्मभूषण डॉ. विजय भटकर, एमआयटी वर्ल्ड पीस युनिवर्सिटी के कार्याध्यक्ष प्रा. राहुल विश्वनाथ कराड, पुणे की महापौर मुक्ता तिलक, सांसद डॉ. विकास महात्मे, डॉ. मंगेश तु. कराड उपस्थित थे।